आखिर ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण वृद्धि का जिम्मेदार कौन ? प्रति दिन 2 गुने से ज्यादा मामले आ रहे सामने

भारत में कोरोना की दूसरी लहर सिर्फ शहरों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों को भी अपनी चपेट में ले लिया है। ग्रामीण क्षेत्रों में महामारी तेजी से फैल रही है। कई राज्यों में ग्रामीण इलाकों की जमीनी हकीकत के बारे में जानकारी जुटाई गई, तो मालूम पड़ा कि कोरोना से सिर्फ शहरी क्षेत्र प्रभावित नहीं है।

गांवों में भी संक्रमण का फैलाव तेजी से हो रही है। महराराष्ट्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात समेत अधिकांश ग्रामीण क्षेत्र कोरोना महामारी की दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित है। गांवों की सड़कें भी सुनी हैं, हाट-बाजार पूरी तरह से बंद हैं। लोग डरे और सहमे हैं।

महाराष्ट्र

कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र है। यहां पिछले कुछ समय से हर रोज 60 हजार से ज्यादा नए केस सामने आ रहे हैं, अब तक राज्य में 49.42 लाख लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं, जबकि 73,515 लोगों की मौत हो गई है।  इनमें 42.27 लाख लोग ठीक हो चुके हैं, महाराष्ट्र के अमरावती जिले के ग्रामीण इलाके शहरी क्षेत्रों की तुलना में ज्यादा प्रभावित हैं। शहर के मुकाबले गांव से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। जिला कलेक्टर शीलेश नवल के मुताबिक अमरावती शहर ने मंगलवार को 249 नए कोविड -19 मामले दर्ज किए, जबकि अमरावती के ग्रामीण इलाकों में 947 नए मामले दर्ज किए गए।

नागपुर का है बुरा हाल

जनवरी के बाद से अमरावती शहर में कोविड से 504 मौतें हुई हैं।  जबकि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 521 मौतें दर्ज की गई हैं। अमरावती में कोविड-19 के नए हॉटस्पॉट वारुद, अचलपुर, मोरशी, अंजनगांव सुरजी और तिवसा है। प्रशासन यहां पर कोविड केयर सेंटर शुरू करने की योजना बना रहा है।  वहीं नागपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। 5 मई को, नागपुर शहर में 36, 648 एक्टिव केस सामने आए, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 29,568 सक्रिय मामले थे स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक नागपुर तहसील के तहत 14 तहसीलों में, 112 कोविड परीक्षण केंद्र हैं। इसमें ग्रामीण अस्पताल और निजी लैब भी शामिल हैं

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