प्रशासन की बड़ी लापरवाही, पूर्व जिला जज की पत्नी ने घर पर ही तोडा दम, नहीं मिली कोई सुविधा

राजधानी में बेकाबू हुए कोरोना संक्रमण ने कुछ ही दिनों में इतने बद से बदतर हालात पैदा कर दिए हैं कि जिसके बारे में सुनकर आपका कलेजा फट जाएगा, रूह कांप जाएगी, दिमाग काम करना बंद कर देगा। कोरोना पीड़तों की खौफनाक कहानियां लखनऊ में बेहद डरावनी हो चली हैं। बड़े बड़े अधिकारी सफेद झूठ बोले जा रहे हैं और यहां मरीजों की जान जा रही हैं। ताजा मामले में गोमती नगर में विनम्र खंड के निवासी पूर्व जिला जज रमेश चंद्रा का है।

दो दिन पहले कोरोना पॉजिटिव हो गए थे। उनकी पत्नी 64 वर्षीय मधु चंद्रा भी संक्रमित थीं। पूर्व जिला जज ने डीएम से लेकर सीएमओ व कोविड-19 कंट्रोल रूम समेत अन्य अधिकारियों को पचासों फोन कर डाले। मगर हर जगह से अभी तभी व्यवस्था कराने व एम्बुलेंस भेजने का सिर्फ झूठा आश्वासन मिलता रहा। बृहस्पतिवार को सुबह करीब आठ बजे मधु चंद्रा ने दम तोड़ दिया। अब उनकी लाश उठाने तक के लिए कोई नहीं जा रहा।

पूर्व जज रमेश चंद्र ने दैनिक जागरण से बातचीत में बताया कि वह स्वयं भी डीएम से लेकर सीएमओ और कंट्रोल रूम के अधिकारियों को दर्जनों बार फोन कर चुके जिसकी कोई गिनती नहीं है। मगर हर बार यही का कहा जाता रहा कि बस पांच मिनट, कभी 10 मिनट, कभी सिर्फ 20 मिनट और तो कभी केवल आधे घंटे में आपके घर एंबुलेंस पहुंच रही है, लेकिन यह करते डेढ़ दिन बीत गए। एंबुलेंस नहीं।

पत्नी मधु चंद्रा की हालत इस दौरान बेहद नाजुक हो गई। उनका ऑक्सीजन स्तर 80 से नीचे पहले ही दिन जा चुका था जो कि लगातार गिर रहा था। हम लोग एंबुलेंस का इंतजार करते रहे मगर सुबह उनकी सांसें उखड़ गई यह कहते पूर्व जिला जज का गला रुलाया वह बाबू को उठे और कहने लगे कि मौत के बाद सुबह से लाश उठाने के लिए संबंधित अधिकारियों कर्मचारियों को दर्जनों बार फोन कर चुका हूं लेकिन कोई जवाब नहीं मिल पा रहा है। अभी साढ़े 12 बजे यानी थोड़ी देर पहले एंबुलेंस भेजी गई है।

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