देहरादून एसटीएफ ने विदेशी नागरिकों को ठगने वाले आरोपी को किया गिरफ्तार

विभिन्न सेवाओं और कंप्यूटर वायरस खत्म करने के नाम पर अमेरिकी नागरिकों को ठगने वाले गिरोह के एक सदस्य को देहरादून एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया। वह आईटी पार्क में बैठककर यह सब कर रहा था। उसके एक साथी को अमेरिका की जांच एजेंसी एफबीआई ने भी गिरफ्तार किया था। इसके बाद से भारत में भी विभिन्न राज्यों में उसके कई साथियों पर नजर रखी जा रही थी।

एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि विदेशियों को ठगने वाले एक गिरोह का जनवरी में भंडाफोड़ किया गया था। इसके बाद से लगातार एसटीएफ ऐसे लोगों पर नजर बनाए हुए थी। इसी बीच बुधवार रात को आईटी पार्क स्थित एडी बिल्डर्स नाम के ऑफिस पर छापा मारा गया। यहां से अर्जुन सिंह निवासी भारापुर, भौरी, बहादराबाद हरिद्वार को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने बताया कि वह अपने साथियों के साथ मिलकर केवल अमेरिका के नागरिकों को ही निशाना बनाते थे। एसएसपी ने बताया कि आरोपी के खातों में डॉलर में भुगतान होता था। उसके कई खातों में करोड़ों के लेनदेन की जानकारी मिली है। उसके खातों की जानकारी प्रवर्तन निदेशालय को भेजी जा रही है।

उन्होंने बताया कि उसके एक साथी निपुण गंधोक को फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (एफबीआई) ने गिरफ्तार किया था। वह टेक्सास के एक कॉलेज में पढ़ाई करता था।  इसके बाद से देहरादून व अन्य स्थानों पर इन्होंने कॉल सेंटरों को बंद कर दिया था।
वर्चुअल नंबरों से करता था कॉल
कॉल सेंटर बंद हो जाने के बाद आरोपी वर्चुअल नंबरों से लोगों को कॉल करता था। इससे लगता था कि यह नंबर स्थानीय है, लिहाजा लोग आसानी से फोन उठा लिया करते थे। पूछताछ में उसने बताया कि इन सब में उसका लाखों रुपये महीने का खर्च होता था।

ऐसे देते हैं घटना को अंजाम
आरोपी व उसके साथी अमेरिका के नागरिकों के कंप्यूटरों पर फर्जी वायरस भेजते थे और फिर खुद को विभिन्न कंपनियों का प्रतिनिधि बताकर इस वायरस को हटाते थे। इसके बाद एचपी, डैल, कैनन, लैक्समार्क कंपनियों के टेक्नीशियन के नाम से सर्विस प्रोवाइडर के रूप में पैसे प्राप्त करते थे। विदेशी कस्टमर का नंबर आरोपी के साथी उपलब्ध कराते थे। उसका कोलकाता का रहने वाला एक साथी गेटवे के माध्यम से संबंधित कस्टमर से धनराशि प्राप्त करता था। अभियुक्त एवं उक्त साथियों के मध्य सारा लेनदेन उनके बैंक खातों से होता था।

अमेरिका में भारतीय हो रहे बदनाम
पूरी दुनिया में नाइजीरिया के ठग साइबर ठगी के लिए बदनाम हैं। भारत में भी हर साल सैकड़ों लोगों को अब तक पकड़ा जा चुका है, लेकिन अमेरिका में अब इस काम के लिए भारतीयों का नाम खराब हो रहा है।

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