उन्नाव आसीवन पुलिस पर अपहरण के मामले में पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे कई सवाल

आर जे न्यूज़-

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के दावे फेल होते जा रहे हैं जहां बेटियों की सुरक्षा की बात की जा रही है वहीं लगातार उन्नाव जिले में बाहुबली सत्ताधारी आकाओं के आगे नाबालिक पीड़ित एसपी उन्नाव की चौखट से लेकर मित्र पुलिस आसीवन की चौखट पर कई बार फरियाद लगा चुकी है लेकिन सिर्फ और सिर्फ झूठा आश्वासन बाकी उन्नाव जिले में चाहे असोहा कांड रहा हो और चाहे हाथरस कांड रहा हो लेकिन गरीबों को न्याय पाने में बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

लगता है असोहा कांड के बाद भी उन्नाव पुलिस गंभीर नहीं हुई लगता है कि यहां के बाहुबलियों के आगे गरीबों को न्याय मिलना तो दूर रहा उसको आश्वासन देकर उसको सिर्फ टहलाने का काम किया जाता है सबसे बड़ी दुर्भाग्य की बात तो यह है चाहे सत्ताधारी हो और चाहे विपक्ष जब लड़की जिंदगी से हार कर अपनी जीवन लीला को समाप्त कर लेती है। तभी सत्ता धारियों से लेकर विपक्षओ का पीड़ित के घरों पर हुजूम व मेला की तरह भीड़ लगनी स्टार्ट हो जाती है।

लेकिन अब दर-दर की ठोकरें खा रहा पीड़ित परिवार जहा धीरे धीरे 1माह बीत चुका है लेकिन सबसे बड़ी दुर्भाग्य की बात तो यह है पीड़ित के जीते जी अब तक नहीं तो कोई सत्ताधारी उसके घर पर पूछने को तैयार ओर नहीं कोई विपक्षी किया जब तक यहाँ पीड़ित परिवार अपने आप को आत्मा दा नही कर लेता है तब तक कोई उस ग़रीब के दर्द को पूछने को तैयार होता है या नहीं।यहाँ तभी सत्ताधारी और विपक्षी पार्टियों को खाली चेक चेक बाठ कर अपने आप को हमदर्दी दिखाते हैं।

पीड़ित परिवार के लोगों को देने का काम करते हैं सत्ताधारीओ के आगे न्याय पाने में मजबूर किया जा रहा है मामला आसीवन थाने के कुरसठ ग्रामीण का है।मित्र पुलिस आसीवन थाने की चौखट पर पहुंची जहां उससे बार बार आश्वासन तो मिल रहा है पीड़ित परिवार का कहना है कि इन बाहुबलियों के आगे क्या उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को हमारी चिंता खत्म होकर इन बाहुबलियों के गिरफ्तारी करने के बजाए हमको जब कुछ हो जाएगा इस वक्त का इंतजार है जहा अपने पिता के साथ एसपी उन्नाव के चौखट पर जाना पड़ा था।।

(सम्वाददाता सूर्य कान्त द्विवेदी)

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