हाईकोर्ट ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर 15 मार्च तक लगाया विराम, नामांकन के पहले ही पर्चा निरस्त कराने की दी धमकी

आर जे न्यूज़-

हाईकोर्ट ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सीटों के आरक्षण व आवंटन को अंतिम रूप देने पर 15 मार्च तक रोक लगा दी है। इस आदेश की जानकारी मिलने के बाद पंचायत निर्वाचन कार्यालय और जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में हड़कंप मचा है। आपत्तियों के निस्तारण का काम तेज चल रहा था। इस आदेश की सूचना मोबाइल पर गांव-गांव में वायरल होने लगी। चुनाव की तैयारी और आपत्ति करने वालों में इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि अब नए सिरे से परिसीमन होना चाहिए। पूर्व जिला पंचायत सदस्य संजय मिश्र ने कहा कि हाईकोर्ट ने रोक लगाई है तो इसका मतलब कहीं न कहीं सूची में खामियां थीं।

अब नए सिरे से सरकार को परिसीमन करना चाहिए। 15 के बाद हाईकोर्ट की ओर से क्या आदेश आता है। इस पर नजर रहेगी। डीपीआरओ शास्वत आनंद सिंह ने कहा कि हम लोगों ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। जैसे ही कोई नया आदेश मिलेगा, उसी के अनुसार काम किया जाएगा। वाराणसी में आरक्षण सूची में गड़बड़ी को लेकर कई आपत्तियां आई थीं। दरअसल वर्ष 2005 में दो आरक्षण सूची तैयार हुई थी। एक मई में और दूसरी जून में जारी की गई थी। मई के आरक्षण सूची पर भी कमेटी की मुहर लगी थी।

पटल सहायक ने जून के बजाय मई की आरक्षण सूची निकाल ली। आरक्षण निर्धारण के दौरान अधिकारी पकड़ नहीं पाए। जनता की ओर से जब आपत्ति आई तो इसकी पड़ताल शुरू हुई। राजातालाब। विकासखंड आराजी लाइन में ग्राम प्रधान पद के एक प्रत्याशी का पर्चा नामांकन से पहले ही निरस्त कराने की धमकी दी गई है। पीड़ित व्यक्ति ने खंड विकास अधिकारी और एसडीएम से इसकी शिकायत की है।

सोशल मीडिया पर इसका ऑडियो भी वायरल हुआ है। दीपापुर के निवासी प्रधान पद के एक प्रत्याशी का कहना है कि गांव में पंचायत भवन का निर्माण कराया जा रहा है। निर्माण में घटिया सामग्री लगाने का विरोध करने पर धमकाया गया। इस संबंध में जब खंड विकास अधिकारी से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।

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