अंबानी के बंगले के बाहर से मिली कार मामले में नया खुलासा

अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, अंबानी के आलीशान बंगले एंटिलिया के बाहर से मिली कार असल में ठाणे के निवासी सैम पीटर न्यूटन की है जिसका रजिस्ट्रेशन 7 अप्रैल 2007 को ठाणे के आरटीओ ऑफ़िस में हुआ था.

हीरेन ने अपनी मौत से पहले क्राइम ब्रांच को दिए अपने बयान में कहा था कि न्यूटन 2016 से उनके परिचित थे, हीरेन का ठाणे में कार डेकोरेशन का व्यवसाय था और न्यूटन ने उन्हें गाड़ी में कुछ एक्सेसरीज़ लगाने को कहा था|

गाड़ी के काम के बाद न्यूटन ने हीरेन को 2.80 लाख के भुगतान के लिए दो चेक दिए थे जो बाउंस हो गए थे. इसके बाद 6 अप्रैल 2018 को हीरेन ने न्यूटन से ठाणे के एक मॉल में पैसे मांगे लेकिन न्यूटन ने पैसे देने में असमर्थता जताई जिसके बाद हीरेन उसे नौपडा पुलिस स्टेशन ले आए|
हीरेन की पत्नी विमला ने कहा है कि हीरेन ने इस कार को असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाझे को इस्तेमाल के लिए दे दिया था और कार नवंबर 2020 से इस साल 5 फ़रवरी तक वाझे के पास थी

25 फ़रवरी को मुकेश अंबानी के घर के बाहर से मिली एसयूवी कार में जेलेटिन की छड़ें बरामद हुई थीं और उस कार पर नकली नंबर प्लेट लगी थी और उसके चेसिस और इंजन नंबर को मिटा दिया गया था.इसके बाद पुलिस ने गाड़ी के शीशे पर फ़ाइनेंस कंपनी के नाम और नंबर से इस कार के मालिक का पता लगाया था |

एपीआई सचिन वाज़े इस केस के पहले आईओ थे. लेकिन बाद में इस मामले की जांच का जिम्मा एसीपी नितिन अल्कानुर को सौंप दिया गया. आईओ के रूप में वाज़े को इस मामले से हटा दिया गया था .सचिन वाज़े ने  बात करते हुए कहा कि मैं मनसुख हिरेन को जानता हूं, क्योंकि वह भी ठाणे से हैं. हाल ही में मेरी उनसे कोई मुलाकात नहीं हुई थी. वह ठाणे से थे इसलिए हो सकता है मैं उन्हें जानता हूं या फिर कभी उनसे मिला हूं |

शुरू में इसे मनसुख हीरेन की कार बताया गया था और हीरेन का कहना था कि यह कार 17 फ़रवरी को चोरी हो गई थी उसके बाद हीरेन की मौत हो गई थी |

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More