पढ़िए आज का राशिफल और पंचांग 04/03/2021

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***|| जय श्री राधे ||***
?? महर्षि पाराशर पंचांग ??
??? अथ पंचांगम् ???
****ll जय श्री राधे ll****
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दिनाँक -: 05/03/2021,गुरुवार
षष्ठी, कृष्ण पक्ष
फाल्गुन
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

तिथि ———–षष्ठी 21:58:22 तक
पक्ष —————————कृष्ण
नक्षत्र ——-विशाखा 23:56:26
योग ———-व्याघात 23:32:51
करण ————–गर 11:07:39
करण ———वणिज 21:58:22
वार ————————-गुरूवार
माह ———————— फाल्गुन
चन्द्र राशि ——-तुला 18:19:22
चन्द्र राशि ——————-वृश्चिक
सूर्य राशि ——————-कुम्भ
रितु ————————–शिशिर
आयन ——————–उत्तरायण
संवत्सर ———————–शार्वरी
संवत्सर (उत्तर) ————-प्रमादी
विक्रम संवत ————— 2077
विक्रम संवत (कर्तक)——2077
शाका संवत —————-1942

वृन्दावन
सूर्योदय —————–06:41:47
सूर्यास्त —————–18:20:17
दिन काल ————-11:38:29
रात्री काल ————-12:20:28
चंद्रास्त —————-10:07:09
चंद्रोदय —————–23:49:33

लग्न —-कुम्भ 19°32′ , 319°32′

सूर्य नक्षत्र —————शतभिषा
चन्द्र नक्षत्र —————-विशाखा
नक्षत्र पाया ——————–रजत

??? पद, चरण ???

ती —-विशाखा 07:08:34

तू —-विशाखा 12:43:26

ते —-विशाखा 18:19:22

तो —-विशाखा 23:56:26

ना —-अनुराधा 29:34:39

??? ग्रह गोचर ???

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
========================
सूर्य= कुम्भ 19°52 ‘ शतभिषा, 4 सू
चन्द्र = तुला 23°23 ‘ विशाखा , 1 ती
बुध = मकर 22°37’ श्रवण ‘ 4 खो
शुक्र= कुम्भ 13 ° 55, शतभिषा ‘ 3 सी
मंगल=वृषभ 05°30 ‘ कृतिका ‘ 3 उ
गुरु=मकर 23°22 ‘ श्रवण , 4 खो
शनि=मकर 13°43 ‘ श्रवण ‘ 2 खू
राहू=(व)वृषभ 21°30 ‘मृगशिरा , 4 वु
केतु=(व)वृश्चिक 21°30 ज्येष्ठा , 2 या

???शुभा$शुभ मुहूर्त???

राहू काल 13:58 – 15:26 अशुभ
यम घंटा 06:42 – 08:09 अशुभ
गुली काल 09:36 – 11:04 अशुभ
अभिजित 12:08 -12:54 शुभ
दूर मुहूर्त 10:35 – 11:21 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:14 – 16:01 अशुभ

?चोघडिया, दिन
शुभ 06:42 – 08:09 शुभ
रोग 08:09 – 09:36 अशुभ
उद्वेग 09:36 – 11:04 अशुभ
चर 11:04 – 12:31 शुभ
लाभ 12:31 – 13:58 शुभ
अमृत 13:58 – 15:26 शुभ
काल 15:26 – 16:53 अशुभ
शुभ 16:53 – 18:20 शुभ

?चोघडिया, रात
अमृत 18:20 – 19:53 शुभ
चर 19:53 – 21:25 शुभ
रोग 21:25 – 22:58 अशुभ
काल 22:58 – 24:31* अशुभ
लाभ 24:31* – 26:03* शुभ
उद्वेग 26:03* – 27:36* अशुभ
शुभ 27:36* – 29:08* शुभ
अमृत 29:08* – 30:41* शुभ

?होरा, दिन
बृहस्पति 06:42 – 07:40
मंगल 07:40 – 08:38
सूर्य 08:38 – 09:36
शुक्र 09:36 – 10:35
बुध 10:35 – 11:33
चन्द्र 11:33 – 12:31
शनि 12:31 – 13:29
बृहस्पति 13:29 – 14:27
मंगल 14:27 – 15:26
सूर्य 15:26 – 16:24
शुक्र 16:24 – 17:22
बुध 17:22 – 18:20

?होरा, रात
चन्द्र 18:20 – 19:22
शनि 19:22 – 20:24
बृहस्पति 20:24 – 21:25
मंगल 21:25 – 22:27
सूर्य 22:27 – 23:29
शुक्र 23:29 – 24:31
बुध 24:31* – 25:32
चन्द्र 25:32* – 26:34
शनि 26:34* – 27:36
बृहस्पति 27:36* – 28:37
मंगल 28:37* – 29:39
सूर्य 29:39* – 30:41

नोट— दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

?दिशा शूल ज्ञान———————दक्षिण
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा केशर खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

? अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 6 + 5 + 1 = 27 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

? शिव वास एवं फल -:

21 + 21 + 5 = 47 ÷ 7 = 5 शेष

ज्ञानवेलायां = कष्ट कारक

?भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

रात्रि 21:28 से प्रारम्भ

स्वर्ग लोक = शुभ कारक

?? विशेष जानकारी ??

* सर्वार्थसिद्धि योग 23:26 से

??? शुभ विचार ???

निर्गुणस्य हतं रूपं दुःशीलस्य हतं कुलम् ।
असिध्दस्य हता विद्या अभोगेन हतं धनम् ।।१६।।

निति भ्रष्ट होने से सुन्दरता का नाश होता है. हीन आचरण से अच्छे कुल का नाश होता है. पूर्णता न आने से विद्या का नाश होता है. उचित विनियोग के बिना धन का नाश होता है.

??? सुभाषितानि ???

गीता -: कर्मयोग अo-3

न हि कश्चित्क्षणमपि जातु तिष्ठत्यकर्मकृत्‌ ।,
कार्यते ह्यवशः कर्म सर्वः प्रकृतिजैर्गुणैः ॥,

निःसंदेह कोई भी मनुष्य किसी भी काल में क्षणमात्र भी बिना कर्म किए नहीं रहता क्योंकि सारा मनुष्य समुदाय प्रकृति जनित गुणों द्वारा परवश हुआ कर्म करने के लिए बाध्य किया जाता है॥,5

?? दैनिक राशिफल ??

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

?मेष
उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। मेहमानों का आवागमन होगा। व्यय होगा। अपने प्रयासों से उन्नति पथ प्रशस्त करेंगे। बुद्धि चातुर्य से कठिन कार्य भी आसानी से बनेंगे। व्यापार अच्छा चलेगा। व्यर्थ समय नष्ट न करें। रुका पैसा मिलेगा।

?वृष
मेहनत का फल पूरा-पूरा मिलेगा। मान-सम्मान मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। लाभ होगा। दूर रहने वाले व्यक्तियों से संपर्क के कारण लाभ हो सकता है। नई योजनाओं का सूत्रपात होने के योग हैं। कार्यक्षमता में वृद्धि होगी। व्यर्थ संदेह न करें।

?मिथुन
चोट, चोरी व विवाद आदि से हानि संभव है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें, बाकी सामान्य रहेगा। प्रयास अधिक करने पर भी उचित सफलता मिलने में संदेह है। कार्य में विलंब के भी योग हैं। आर्थिक हानि हो सकती है। पारिवारिक जीवन तनावपूर्ण रहेगा।

?कर्क
बेरोजगारी दूर होगी। विवाद न करें। संपत्ति की खरीद-फरोख्त हो सकती है। आय बढ़ेगी। मन में उत्साहपूर्ण विचारों के कारण समय सुखद व्यतीत होगा। मकान व जमीन संबंधी कार्य बनेंगे। अनायास धन लाभ के योग हैं। व्यापार में वांछित उन्नति होगी।

?सिंह
जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। राजकीय बाधा दूर होगी। बेचैनी रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। अर्थ प्राप्ति के योग बनेंगे। विवादों से दूर रहना चाहिए। पिता से व्यापार में सहयोग मिल सकेगा। सरकारी मसले सुलझेंगे। सकारात्मक सोच बनेगी।

?‍♀️कन्या
रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। किसी बड़े कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे। प्रसन्नता बनी रहेगी। नए कार्यों से जुड़ने का योग बनेगा। पारिवारिक जीवन सुखद नहीं रहेगा। पूजा-पाठ में मन लगेगा। इच्छित लाभ होगा। नौकरी में कार्य की प्रशंसा हो सकती है।

⚖️तुला
नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति होगी। यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। परीक्षा आदि में सफलता मिलेगी। पारिवारिक कष्ट एवं समस्याओं का अंत संभव है। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। आय से अधिक व्यय न करें। परोपकार में रुचि बढ़ेगी।

?वृश्चिक
बुरी खबर मिल सकती है। विवाद को बढ़ावा न दें। भागदौड़ रहेगी। आय में कमी होगी। किसी कार्य में प्रतिस्पर्धात्मक तरीके से जुड़ने की प्रवृत्ति आपके लिए शुभ रहेगी। राज्यपक्ष से लाभ होगा। अपने काम से काम रखें। दांपत्य सुख प्राप्त होगा।

?धनु
किसी शुभचिंतक से मेल-मुलाकात का हर्ष होगा। संतान की आजीविका संबंधी समस्या का हल निकलेगा। लापरवाही से काम न करें। शत्रु सक्रिय रहेंगे। कुसंगति से हानि होगी। व्ययवृद्धि होगी। लेन-देन में सावधानी रखें, जोखिम न लें।

?मकर
यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। डूबी हुई रकम प्राप्त होगी। आय में वृद्धि होगी। प्रमाद न करें। आकस्मिक लाभ व निकटजनों की प्रगति से मन में प्रसन्नाता रहेगी। परिश्रम से स्वयं के कार्यों में भी शुभ परिणाम आएँगे। क्रोध एवं उत्तेजना पर संयम रखें।

?कुंभ
कार्यस्थल पर परिवर्तन लाभ में वृद्धि करेगा। योजना फलीभूत होगी। नए अनुबंध होंगे। कष्ट होगा। पारिवारिक जिम्मेदारी बढ़ने से व्यस्तता बढ़ेगी। कार्य में नवीनता के भी योग हैं। संतान के व्यवहार से समाज में सम्मान बढ़ेगा। स्वास्थ्य खराब हो सकता है।

?मीन
कानूनी अड़चन दूर होगी। अध्यात्म में रुचि रहेगी। यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। रुके धन के लिए प्रयत्न जरूर करें। कार्य का विस्तार होगा। दूसरे के कार्यों में हस्तक्षेप से बचें। दांपत्य जीवन सुखद रहेगा। विलासिता के प्रति रुझान बढ़ेगा।

?आपका दिन मंगलमय हो?
?????????
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)
09897565893,09412618599

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