दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मौके पर हुए तांडव में 300 पुलिस कर्मी हुए घायल

आर जे न्यूज़

दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मौके पर हुए तांडव को लेकर अब दिल्ली पुलिस सख्त मूड में नजर आ रही है। बता दें कि दिल्ली पुलिस ने अबतक इस मामले में 200 से भी अधिक दंगाइयों को गिरफ्तार कर चुकी है। बता दें दिल्ली के लाल किले पर एक धार्मिक झंडा लगाने की वजह से देशभर में लोगों के भीतर काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है। वहीं लोग पुलिस की तरफ से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। बता इस घटना के अगले दिन दिल्ली पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए 40 नेताओं पर FIR  दर्ज कर ली है। बता दें कि इन 40 लोगों में उन लोगों के भी नाम शामिल हैं, जो किसान कानूनों को लेकर सरकार के साथ बातचीत कर रहे थे। बता दें कि दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक योगेंद्र यादव सहित कई नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज किए गए हैं।

बता दें कि दिल्ली पुलिस ने इन नेताओं पर ट्रैक्टर परेड को लेकर किए गए NOC के करार की अवहेलना का आरोप लगाया है। बता दें कि किसान नेताओं से दिल्ली पुलिस ने 30 से भी ज्यादा मुद्दों पर वादा लिया था। जिसमें ट्रैक्टर परेड को लेकर रूट भी फाइनल था। लेकिन जब ट्रैक्टर रैली निकली तो बताए गए रूट का पालन नहीं किया गया और लोग ट्रैक्टरों के साथ दिल्ली के अंदर घुस गए। उसके बाद उनके द्वारा दिल्ली में जमकर तांडव मचाया गया।

बता दें कि इस घटना के बाद अब दिल्ली पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुए किसान नेताओं को जिम्मेदार मानते हुए सरकार के साथ बात कर रहे किसान नेताओं पर FIR दर्ज की है। गौरतलब है कि इनमें से नांगलोई थाने में जो एफआईआर दर्ज है उसमें न सिर्फ डकैती की धारा लगाई गई है बल्कि उन 40 किसान नेताओं के नाम भी एफआईआर में शामिल हैं जो सरकार के साथ वार्ता के लिए विज्ञान भवन जाते थे। इसी एफआईआर में योगेंद्र यादव का भी नाम है।

वहीं इस मामले में दिल्ली पुलिस की तरफ से जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार 50 से ज्यादा लोगों को उपद्रव के चलते गिरफ्तार भी कर लिया गया है। नांगलोई पुलिस ने एफआईआर में डकैती की धारा इसलिए जोड़ी है क्योंकि कुछ उपद्रवी नांगलोई में पुलिस से आंसू गैस के गोले भी छीन ले गए थे। वहीं एक रिपोर्ट की मानें तो 26 जनवरी को हुए दिल्ली के दंगों में 300 पुलिस जवान घायल हुए हैं। इस बीच दिल्ली में आज सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। लालकिला को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। वहीं आईटीओ में बस और बैरिकेड लगाकर रास्ता ब्लॉक किया गया है। वहीं सिंघु बॉर्डर भी कड़ा पहरा है।

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