मोहन भागवत का बड़ा बयान, संघ कहने से ज्यादा करने में भरोसा रखता है, जल्दी बनेगा भव्य श्री कृष्ण मंदिर

आर जे न्यूज़

श्रीकृष्ण जन्मभूमि और काशी विश्वनाथ की मुक्ति के लिए अभी धैर्य रखने की जरूरत है। ये भी मुक्त होंगे, लेकिन श्रीराम जन्मभूमि की तरह समय नहीं लगेगा। ये आश्वासन सरसंघचालक मोहन भागवत ने मंगलवार को संतों से हुई मुलाकात में उनकी शंकाओं का समाधान करते हुए दिया। केशवधाम में सरसंघचालक मोहनराव भागवत इस समय तीन दिन के प्रवास पर हैं। दूसरे दिन उनकी कुछ संतों से मुलाकात हुई। इस दौरान उन्होंने राम मंदिर निर्माण और कृष्ण जन्मभूमि विवाद समेत तमाम मुद्दों पर बात की।

उनसे मुलाकात के बाद बाहर आए सुदामा कुटी के महंत सुतीक्षण दास ने बताया कि उन्होंने सरसंघचालक को राम मंदिर निर्माण की बधाई दी। इसके बाद संघ प्रमुख ने काशी विश्वनाथ एवं श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति की चर्चा में कहा कि संघ काम करता है कहता नहीं है। बहुत जल्द समय आएगा जब भगवान कृष्ण का भी भव्य मंदिर बनेगा। काशी विश्वनाथ भी बनेगा। जो हिंदुत्व का काम है उसे संगठन ही कर सकता है। कहते सब हैं लेकिन करते कम हैं। भागवत ने कहा कि श्री कृष्ण मंदिर भी बनेगा लेकिन इसके लिए अभी धैर्य रखने की जरूरत है। भगवान का आशीर्वाद हमारे साथ है, सफलता मिलेगी। वहीं सरसंघचालक से मिलकर लौटे भागवत प्रवक्ता मनोजकृष्ण शास्त्री ने भी श्रीराम जन्मभूमि की तर्ज पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर भी भव्य मंदिर निर्माण पर चर्चा की। इस पर भागवत ने कहा कि राम मंदिर निर्माण में जो समय लगा है वह समय अब श्रीकृष्ण जन्मभूमि में नहीं लगेगा।

25 सितंबर को श्री कृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ भूमि के स्वामित्व की मांग को लेकर श्री कृष्ण विराजमान की ओर रंजना अग्निहोत्री आदि की ओर से याचिका सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में दाखिल की गई थी। याचिका में श्री कृष्ण जन्मभूमि में बनी शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की भी मांग की गई। सिविल जज सीनियर डिवीजन के अवकाश पर होने के कारण इसकी सुनवायी एडीजे फास्ट ट्रैक प्रथम के यहां हुई। जहां 30 सितंबर को इसे खारिज कर दिया गया था। इसके बाद इसे जिला जज की कोर्ट में प्रकीर्ण वाद के तौर पर 12 अक्तूबर को अपील की गई।

11 नवंबर को इसमें माथुर चतुर्वेद परिषद भी स्वयं को पक्षकार बनाने के लिए शामिल हो गया। 10 दिसंबर को अजय गोयल, डॉ. केशवाचार्य, वीरेंद्र अग्रवाल और बिजेंद्र कुमार पोइया भी पक्षकार बनने को शामिल हो गये। 15 दिसंबर को सिविल जज सीनियर डिवीजन के यहां हिंदू आर्मी के मनीष यादव की ओर से दाखिल किया गया। जो चल रहा है। 23 दिसंबर की ओर से ठाकुर केशव देव महाराज, जय भगवान और सौरभ गौड़, राजेंद्र माहेश्वर और महेंद्र प्रताप सिंह ने सिविल जज सीनियर डिवीजन के यहां दायर किया गया, जो अदालत ने स्वीकार कर लिया। रंजना अग्निहोत्री के मामले में 18 जनवरी को हुई सुनवाई में न्यायालय ने शाही ईदगाह कमेटी की अपील को स्वीकार करते हुए इसे रिवीजन के तौर सुनने के लिए 28 जनवरी की तारीख तय की है। वहीं हिंदू आर्मी के मामले में 29 जनवरी की तारीख दी गई है।

सरसंघचालक मोहन भागवत को संतों ने कुंभ मेले में आने के लिए आमंत्रित किया तो उन्होंने इसका आश्वासन दिया। बता दें कि वृंदावन कुंभ 16 फरवरी से 25 मार्च तक चलेगा।

पूरे विश्व में भगवान श्रीकृष्ण के असंख्य भक्त और श्रद्धालु हैं. यदि इसी तरह हर भक्त और श्रद्धालु को याचिका दायर करने की छूट दी गई तो न्यायिक और सामाजिक व्यवस्था चरमरा जाएगी. स्वीकृत रूप से याचिकाकर्ता न तो डिक्री के पक्षकार के रूप में हैं, न ट्रस्टी हैं. मात्र भक्त होने के आधार पर याचिकाकर्ताओं को अनुमति देना न्यायोचित नहीं है। वृंदावन स्थित केशवधाम में संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात कर बाहर आते महंत सुतीक्षण दास एवं भागवत प्रवक्ता मनोजकृष्ण शास्त्री।

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