अब भूमि विवादों पर लगेगा अंकुश, यूपी सरकार ने उठाया सख्त कदम

लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के प्रयासों से राज्य में औद्योगिक निवेश का माहौल बदलने लगा है. इसके साथ ही अब सीएम योगी ने गांव-गांव में वरासत को लेकर ग्रामीणों के होने वाले शोषण के खात्मे की ठान ली है. जिसके चलते अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राज्य में विशेष वरासत अभियान शुरू किया गया है. आपकी जमीन, आपका अधिकार, सबको मिले अपना उत्तराधिकार के संकल्प के साथ शुरू हुए प्रदेश सरकार के इस विशेष वरासत अभियान से राज्य के करीब 1,08000 राजस्व गांवों में वर्षों से लंबित वरासत के प्रकरणों के निस्तारण की उम्मीद ग्रामीणों को हुई है.

गत 15 दिसंबर से शुरू हुए वरासत दर्ज कराने के इस अभियान से जहां तहसील कर्मियों की मनमानी पर रोक लगेगी, वहीं भूमि विवादों पर भी काफी हद तक अंकुश लगेगा. मालूम हो कि तहसील दिवस पर भूमि से संबंधित प्रकरण ही सबसे अधिक आते हैं. पुलिस के आंकड़ों में भी भूमि विवाद से संबधित मामले ही हर साल सबसे ज्यादा दर्ज होते हैं. इसकी सबसे प्रमुख वजह लेखपाल के स्तर से समय से भूमि के प्रकरणों पर निर्णय समय से ना लेना ही होता है.

जिसके चलते लोगों को वरासत दर्ज कराने के लिए लेखपाल दफ्तर के चक्कर लगाते हैं और काफी दौड़ धूप करने की बाद ही उन्हें सरकारी दस्तावेजों में उनका नाम दर्ज हो पाता है. इस दौडधूप के चलते बड़ी संख्या में लोग वरासत दर्ज कराने का विचार ही त्याग देते थे. ऐसे में खेती करने के लिए बैंक से केसीसी पर कर्ज लेने में दिक्कत होती थी।

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