महोबा: नदी-नाले, पहाड़ और वन भूमि का बीमा कर 40 करोड़ का घोटाला, कंपनी मैनेजर गिरफ्तार, फसल बीमा योजना में साजिश

महोबा: उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के महोबा जनपद में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ( PMFBY) के तहत करोड़ों रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ है। जहां जालसाजों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए न केवल भोले-भाले किसानों की जमीन, बल्कि नदी, नाला, चकमार्ग, पहाड़ और वन विभाग की जमीनों का भी बीमा कराकर धोखाधड़ी की है। डीएम के आदेश पर 27 अगस्त को बीमा कंपनी इफको टोकियो के जिला प्रबंधक पर मुकदमा दर्ज कराया गया था, तब से वह फरार चल रहा था। आखिरकार 112 दिन बाद जालसाज मैनेजर के साथ ही तीन अन्य आरोपितों को पकड़ने में पुलिस को सफलता मिल गई है।
जिलाधिकारी गजल भारद्वाज के निर्देश पर हुई जांच में बीमा कंपनी, जनसेवा केंद्र संचालकों और कृषि विभाग की साठगांठ उजागर हुई। अभी तक मामले में बीमा कंपनी के प्रबंधक समेत 26 नामजद व अन्य अज्ञात पर केस दर्ज हो चुका है। महिला समेत 23 आरोपितों को पुलिस जेल भेज चुकी है, जिनमें सीएचसी संचालक और बीमा कर्मी हैं। 24 सितंबर को जिला सत्र न्यायालय के द्वारा पांच आरोपितों की जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। अभी तक जिले भर में सदर कोतवाली, चरखारी, कुलपहाड़, पनवाड़ी व अजनर थाना में छह मुकदमें दर्ज किए जा चुके हैं। डीएम के निर्देश पर कृषि विभाग के बीमा पटल सहायक अतुलेंद्र विक्रम सिंह को निलंबित किया जा चुका है।
27 अगस्त से मैनेजर था फरार
अपर पुलिस अधीक्षक वंदना सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि कूटरचित फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से कई लोगों के द्वारा फसल बीमा की पॉलिसी लेकर अनुचित लाभ लिया गया। इसका मुकदमा चरखारी थाना में 27 अगस्त को दर्ज कराया गया था। बुधवार को बीमा कंपनी के जिला प्रबंधक जालौन जनपद निवासी निखिल समेत सीएचसी संचालक अरविंद यादव, चरखारी के रोशनपुरा निवासी श्यामलाल सेन, छतरवारा गांव निवासी बृजगोपाल अरजरिया को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया गया है। मुकदमा दर्ज होने के बाद बीमा कंपनी का मैनेजर फरार हो गया था और 112 दिन बाद पुलिस के हत्थे चढ़ा है
ऐसे किया फर्जीवाड़ा
जालसाजों ने इस घोटाले को अंजाम देने के लिए चकबंदी प्रक्रिया वाले गांव को निशाना बनाया गया, जहां पोर्टल पर भू-स्वामी और बटाईदार का डाटा प्रदर्शित नहीं होता है। इसका फायदा उठाकर जालसाजों ने 10 रुपये के स्टांप पर फर्जी बटाईदार बनकर जमीन का बीमा करा लिया और फिर क्लेम भी प्राप्त कर लिया। यहां हैरान करने वाली बात तो यह है कि बीमा कंपनी ने बिना सत्यापन ही क्लेम का भुगतान कर दिया, यदि सत्यापन सही ढंग से होता तो शायद इस फर्जीवाड़ा से बचा जा सकता था। कुल मिलाकर बीमा कर्मियों एवं कृषि विभाग की संलिप्तता भी स्पष्ट झलक रही है।
40 करोड़ का घोटला, चल रही जांच
महोबा, हमीरपुर तिंदवारी क्षेत्र से सपा सांसद अजेंद्र सिंह लोधी की मांग पर कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री भारत सरकार शिवराज सिंह चौहान ने बुंदेलखंड में फसल बीमा में हुए फर्जीवाड़ा को राज्य सरकार के संज्ञान में लाया है। इस पर शासन ने महोबा और हमीरपुर डीएम को मामले की जांच करा कृषि सांख्यिकी और फसल बीमा विभाग को जल्द से जल्द जांच रिपोर्ट तैयार करा स्थिति से अवगत कराने के निर्देश दिए हैं।

 

 

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