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पुणे से लेकर अयोध्या तक हाल के दिनों में जो दृश्य सामने आए हैं उन्होंने आरएसएस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रिश्तों को लेकर नई चर्चाओं को जन्म दिया है। एक ओर, आरएसएस के शताब्दी कार्यक्रमों की श्रृंखला में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने खुले तौर पर प्रधानमंत्री की वैश्विक छवि की तारीफ की तो वहीं अयोध्या में राम मंदिर में ध्वजारोहण समारोह के दौरान मोदी ने भागवत को सम्मान देते हुए पीछे हटकर उन्हें आगे बढ़ने दिया। इन दोनों घटनाओं को राजनीतिक गलियारों में भाजपा और संघ के बीच बढ़ती निकटता के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
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