अयोध्या की दिवाली पर अखिलेश यादव का विवादित बयान, बीजेपी-वीएचपी का पलटवार

राष्ट्रीय जजमेंट

समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा दिवाली समारोहों पर सरकारी खर्च की तुलना क्रिसमस के जश्न से करने पर भाजपा और विश्व हिंदू परिषद ने कड़ी निंदा की है, जिससे राजनीतिक विवाद छिड़ गया है।भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें ‘अयोध्या के जगमगाने से दिक्कत’ है। पूनावाला ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के शासन के दौरान अयोध्या को अंधेरे में रखा गया था। तत्कालीन सपा सरकार ने पहले भी राम भक्तों पर गोलियां चलवाई थीं। अब जब अयोध्या जगमगा रही है, तो अखिलेश यादव को दिक्कत हो रही है।’ उन्होंने आगे कटाक्ष करते हुए कहा, ‘ये लोग सैफई में नाच-गाने का आयोजन करते थे, लेकिन अयोध्या में दिवाली मनाई जा रही है, तो अखिलेश यादव को दिक्कत हो रही है।’हिंदू संगठन विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने यादव पर भारतीय संस्कृति की बजाय विदेशी परंपराओं का महिमामंडन करने का आरोप लगाया। बंसल ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘जरा सुनिए, दिवाली के मौके पर क्रिसमस की तारीफ़ करते यूपी के इस पूर्व मुख्यमंत्री की बात। दीयों की कतारों ने उनका दिल इतना जला दिया है कि वो एक अरब हिंदुओं को उपदेश दे रहे हैं, दीयों और मोमबत्तियों पर पैसा बर्बाद मत करो, क्रिसमस से सीखो।’उन्होंने यादव को जिहादियों और धर्मांतरण गिरोहों के तथाकथित मसीहा बताते हुए आरोप लगाया कि वह हिंदुओं से ज्यादा ईसाइयों से प्यार करते हैं और भारतीय त्योहारों से ज्यादा विदेशी त्योहारों का महिमामंडन करते हैं।बंसल ने यह भी कहा, ‘जब ईसाई धर्म नहीं था, तब भी दिवाली मनाई जाती थी। आज दिवाली पर वो क्रिसमस पर प्रवचन दे रहे हैं। क्रिसमस दो महीने बाद आएगा। उन्हें ये भी नहीं पता कि कौन सा त्योहार आ रहा है। अखिलेश यादव अपनी सनातन विरोधी मानसिकता से कब मुक्त होंगे? अयोध्या की रौनक और हिंदुओं की खुशी पर इतनी ईर्ष्या ठीक नहीं है।’समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने शनिवार को दिवाली समारोहों पर सरकार के खर्च पर सवाल उठाए थे और इसकी तुलना दुनिया भर में क्रिसमस समारोहों से की थी। एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था, ‘मैं भगवान राम के नाम पर एक सुझाव देना चाहूंगा। दुनिया भर में, क्रिसमस के दौरान सभी शहर जगमगा उठते हैं, और यह महीनों तक चलता है। हमें उनसे सीखना चाहिए। हमें दीयों और मोमबत्तियों पर इतना पैसा क्यों खर्च करना पड़ता है और इसके लिए इतना सोचना क्यों पड़ता है?’उन्होंने यह कहते हुए सरकार बदलने का आह्वान किया था कि, ‘हम इस सरकार से क्या उम्मीद कर सकते हैं? इसे हटा देना चाहिए। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि और भी खूबसूरत रोशनियां हों।’

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More