संचार साथी का डिजिटल सुरक्षा में नया कीर्तिमान, 6 लाख से ज्यादा चोरी और गुम हुए मोबाइल बरामद

नई दिल्ली: दूरसंचार विभाग की महत्वाकांक्षी पहल ‘संचार साथी’ ने मोबाइल चोरी और गुम होने की समस्या से निपटने में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म ने अब तक 6 लाख से अधिक खोए और चोरी हुए मोबाइल फोनों को बरामद करने में मदद की है। उन्नत एआई तकनीक और पुलिस-दूरसंचार विभाग के सहयोग ने इसे संभव बनाया है, जिससे न केवल नागरिकों का भरोसा बढ़ा है, बल्कि डिजिटल शासन और साइबर सुरक्षा में भारत ने एक नया मुकाम हासिल किया है।

संचार साथी की ‘अपने खोए/चोरी हुए मोबाइल हैंडसेट को ब्लॉक करें’ सुविधा ने इस उपलब्धि में अहम भूमिका निभाई है। यह सुविधा नागरिकों को चोरी या गुम हुए मोबाइल की तुरंत शिकायत दर्ज करने, उसे सभी भारतीय नेटवर्क पर ब्लॉक करने और ट्रेस करने की सुविधा देती है। जैसे ही चोरी हुए फोन में कोई सिम डाला जाता है, स्वचालित ट्रेसिंग सिस्टम सक्रिय हो जाता है और संबंधित पुलिस स्टेशन और मोबाइल मालिक को तुरंत सूचना भेजी जाती है। इसके जरिए हर मिनट एक फोन की बरामदगी संभव हो रही है।

जनवरी 2025 में जहां 28,115 मोबाइल बरामद हुए थे, वहीं अगस्त 2025 तक यह संख्या बढ़कर 45,243 हो गई, जो 61% की वृद्धि को दर्शाता है। यह बढ़ती रिकवरी दर प्लेटफॉर्म की प्रभावशीलता और पुलिस-दूरसंचार विभाग के बीच बेहतर तालमेल का सबूत है।

कैसे काम करता है यह सिस्टम?

संचार साथी पोर्टल और मोबाइल ऐप के जरिए कोई भी नागरिक अपने खोए या चोरी हुए फोन की शिकायत दर्ज कर सकता है। शिकायत के बाद फोन को सभी टेलीकॉम नेटवर्क पर ब्लॉक कर दिया जाता है ताकि इसका दुरुपयोग रोका जा सके। ट्रेसिंग सिस्टम के जरिए फोन का पता लगाया जाता है, और बरामदगी के बाद उसे मालिक को लौटाया जाता है। क्षमता निर्माण पहल के तहत दूरसंचार विभाग और पुलिस निरंतर सहयोग कर रहे हैं, जिससे रिकवरी प्रक्रिया और तेज हुई है।

नागरिकों को सशक्त बनाने की पहल

मई 2023 में शुरू हुआ संचार साथी प्लेटफॉर्म अब भारत का सबसे बड़ा डिजिटल सुरक्षा मंच बन चुका है। इसकी वेबसाइट पर 19 करोड़ से ज्यादा विजिट्स और 90 लाख से अधिक ऐप डाउनलोड दर्ज किए गए हैं। यह प्लेटफॉर्म हिंदी, अंग्रेजी और 21 क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध है, जिससे देश के हर कोने में पहुंच सुनिश्चित हो रही है।

दूरसंचार विभाग ने सभी नागरिकों से आग्रह किया है कि वे अपने खोए या चोरी हुए मोबाइल की तुरंत शिकायत संचार साथी पोर्टल या मोबाइल ऐप के जरिए करें। साथ ही, डिजिटल सुरक्षा के लिए इस प्लेटफॉर्म की अन्य सुविधाओं का भी उपयोग करें।

संचार साथी न केवल डिजिटल सुरक्षा को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि यह डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। यह पहल साबित करती है कि तकनीक और सहयोग से साइबर अपराध पर अंकुश लगाया जा सकता है और नागरिकों की डिजिटल संपत्तियों की रक्षा की जा सकती है।

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