23 लाख की चोरी का नाटक, दिल्ली पुलिस ने 24 घंटे में किया पर्दाफाश, कर्मचारी को दबोचा, नगदी बरामद

नई दिल्ली: दिल्ली के लाहौरी गेट इलाके में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक घड़ी दुकान के कर्मचारी ने अपने मालिक से 23.37 लाख रुपये की नकदी चुराने के लिए बेहोशी का नाटक रचा। दिल्ली पुलिस की लाहौरी गेट थाना टीम ने 24 घंटे के भीतर इस साजिश का पर्दाफाश कर आरोपी आकाश (25) को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसके किराए के कमरे से 23.34 लाख रुपये, चोरी में इस्तेमाल बैग और मोबाइल फोन बरामद किया।

उत्तरी जिला के डीसीपी राजा बंथिया ने बताया कि लाजपत राय मार्केट में घड़ी की दुकान चलाने वाले संजय अग्रवाल ने 18 सितंबर को अपने कर्मचारी आकाश को फतेहपुरी स्थित अपने कार्यालय से 23.37 लाख रुपये नकद लेकर एक व्यक्ति को देने का निर्देश दिया। लेकिन, जब कई घंटों बाद भी डिलीवरी नहीं हुई और आकाश का फोन बंद मिला, तो संजय ने पुलिस में शिकायत दर्ज की। इसके आधार पर लाहौरी गेट थाने में 19 सितंबर को धारा 316(4) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया।

आकाश ने पुलिस को बताया कि 18 सितंबर को वह नकदी लेकर जा रहा था, तभी उसे किसी नशीले धुएं से बेहोशी छा गई और वह पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास फुटपाथ पर होश में आया। उसने दावा किया कि उसका बैग और मोबाइल गायब हो गया। लेकिन पुलिस को उसकी कहानी पर शक हुआ।

इंस्पेक्टर विकास यादव की अगुआई में गठित पुलिस टीम ने 500 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले। फुटेज में आकाश नकदी से भरा बैग लेकर फतेहपुरी मस्जिद, कटरा नारियान, कुचा घसी राम और चर्च मिशन चौक से होते हुए पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन की ओर जाता दिखा। उसने बाद में कहानी बदली और दावा किया कि उसने बैग एक सहकर्मी को लाल किला के पास सौंपा। लेकिन सहकर्मी ने इस बात से इनकार किया और सीसीटीवी में आकाश का लाल किला न जाकर अक्षरधाम की ओर जाना पाया गया।

पुलिस की तकनीकी निगरानी और सख्त पूछताछ के आगे आकाश टिक नहीं सका। उसने कबूल किया कि उसने नकदी चुराने की साजिश रची थी। उसने बेहोशी का नाटक किया और पैसे व मोबाइल को गाजियाबाद के खोड़ा कॉलोनी में अपने किराए के कमरे में छिपाया। पुलिस ने मौके से 23.34 लाख रुपये, काला बैग और मोबाइल बरामद किया। मामले में धारा 317(2) बीएनएस जोड़ी गई और आकाश को गिरफ्तार कर लिया गया।

आकाश, गाजियाबाद के डीएलएफ अंकुर विहार का रहने वाला है और 11वीं तक पढ़ा है। वह पिछले 4-5 साल से संजय अग्रवाल के यहां काम कर रहा था। अपनी कम आय से असंतुष्ट होने के कारण उसने यह साजिश रची।

डीसीपी  ने बताया कि लाहौरी गेट थाना पुलिस की त्वरित कार्रवाई और तकनीकी कौशल ने इस मामले को 24 घंटे में सुलझा लिया। यह दिल्ली पुलिस की कार्यकुशलता का एक और उदाहरण है।

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