दिल्ली यूनिवर्सिटी में एबीवीपी का दबदबा, 3 सीटों पर कब्जा, NSUI को मिला सिर्फ एक पद

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) चुनाव 2025 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक बार फिर अपनी बादशाहत कायम करते हुए केंद्रीय पैनल की चार में से तीन सीटों पर शानदार जीत हासिल की। एबीवीपी ने अध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव पद पर कब्जा जमाया, जबकि कांग्रेस समर्थित नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) को केवल उपाध्यक्ष पद से संतोष करना पड़ा। इस जीत ने न केवल दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों में उत्साह का संचार किया, बल्कि एबीवीपी के गढ़ को और मजबूत कर दिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस जीत पर एबीवीपी को बधाई दी, इसे युवाओं में राष्ट्रवादी विचारधारा की जीत करार दिया।

DUSU चुनाव में कुल 1,53,100 पंजीकृत मतदाताओं में से 60,272 ने अपने मताधिकार का उपयोग किया, जिससे मतदान प्रतिशत 39.36% रहा। कुल 21 उम्मीदवारों ने विभिन्न पदों के लिए अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन मुख्य मुकाबला एबीवीपी और एनएसयूआई के बीच देखने को मिला। परिणामों में एबीवीपी ने शानदार प्रदर्शन किया।

अध्यक्ष पद: ABVP के आर्यन मान ने NSUI की जोसलिन नंदिता चौधरी को 16,196 मतों के भारी अंतर से हराकर जीत हासिल की। यह DUSU अध्यक्ष पद पर दूसरी सबसे बड़ी जीत मानी जा रही है।

सचिव पद: ABVP के कुणाल चौधरी ने 7,662 मतों के अंतर से NSUI के कबीर को पराजित किया।

संयुक्त सचिव पद: ABVP की दीपिका झा ने 4,445 मतों के अंतर से NSUI के लवकुश भड़ाना को हराया।

उपाध्यक्ष पद: NSUI के राहुल झांसला ने ABVP के गोविंद तंवर को हराकर इस एकमात्र पद पर जीत दर्ज की।

आर्यन मान की जीत ने बटोरी सुर्खियां

हरियाणा के झज्जर जिले के बहादुरगढ़ निवासी आर्यन मान ने अध्यक्ष पद पर रिकॉर्ड जीत दर्ज कर न केवल दिल्ली विश्वविद्यालय में, बल्कि अपने गृहनगर में भी जश्न का माहौल बना दिया। बहादुरगढ़ के लाल चौक पर ढोल-नगाड़ों की गूंज और पटाखों की आतिशबाजी के बीच लोगों ने मिठाइयां बांटकर खुशी मनाई। आर्यन ने अपनी जीत पर कहा, “एबीवीपी ने 3-1 से शानदार जीत हासिल की है। मैं 16,000 से अधिक मतों के अंतर से विजयी हुआ। यह जीत डीयू के सभी छात्रों की है, जो राष्ट्र निर्माण और सकारात्मक बदलाव चाहते हैं।”

भाजपा नेताओं ने सराहा एबीवीपी का प्रदर्शन

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एबीवीपी की जीत को युवाओं में ‘राष्ट्र प्रथम’ की विचारधारा का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, “यह जीत परिषद के कार्यकर्ताओं की मेहनत और छात्र शक्ति को राष्ट्र शक्ति में बदलने की यात्रा को गति देगी।”

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसे स्वामी विवेकानंद के आदर्शों से प्रेरित जीत करार देते हुए कहा, “एबीवीपी ने हमेशा युवाओं को राष्ट्रवाद और निस्वार्थ सेवा की भावना से प्रेरित किया है। यह परिणाम दर्शाता है कि युवा पीढ़ी भारत को उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।”

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, जो स्वयं डूसू की पूर्व अध्यक्ष रह चुकी हैं, ने कहा, “यह जीत उन युवाओं की है, जो राष्ट्रभक्ति, अनुशासन और सेवा को अपने जीवन का हिस्सा मानते हैं। एबीवीपी ने दशकों पहले स्थापित ज्ञान, शील और एकता के विचारों को मजबूती दी है। यह युवा शक्ति दिल्ली को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।”

एबीवीपी नेताओं के बयान: ‘रचनात्मक राष्ट्र निर्माण की जीत’

नवनिर्वाचित सचिव कुणाल चौधरी ने अपनी जीत पर कहा, “मैं डीयू के सभी छात्रों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। मैं वादा करता हूं कि जब भी किसी छात्र को मेरी जरूरत होगी, मैं उनके साथ खड़ा रहूंगा।”

संयुक्त सचिव दीपिका झा ने अपनी जीत को प्रवासी छात्रों और छात्राओं के लिए समर्पित करते हुए कहा, “यह सिर्फ मेरी जीत नहीं, बल्कि डीयू के सभी छात्रों, खासकर प्रवासियों की जीत है। एबीवीपी ने हमेशा छात्राओं को सशक्त प्रतिनिधित्व दिया है। एनएसयूआई वोट चोरी की बात करती है, लेकिन उनका उम्मीदवार 8,000 वोटों से जीता। अब हम कह सकते हैं कि वे भी वोट चुराते हैं।”

एबीवीपी के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने एनएसयूआई पर निशाना साधते हुए कहा, “कांग्रेस और एनएसयूआई ने छात्रों को जाति और क्षेत्र के आधार पर बांटने की कोशिश की, लेकिन डीयू के छात्रों ने इसे पूरी तरह नकार दिया। यह जीत रचनात्मक राष्ट्र निर्माण और लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास की जीत है।”

NSUI की हार पर उठे सवाल

एनएसयूआई को केवल एक सीट मिलने पर एबीवीपी ने इसे ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ की हार करार दिया। आर्यन मान ने कहा, “यह जीत जेन-जेड की राष्ट्रनिष्ठ चेतना की जीत है, जो भारत की एकता और अखंडता को सर्वोपरि मानती है। एनएसयूआई और कांग्रेस की भ्रष्टाचार और परिवारवाद की राजनीति को छात्रों ने ठुकरा दिया।”

एबीवीपी की आगे की योजनाएं

आर्यन मान ने बताया कि एबीवीपी जल्द ही मेट्रो कन्सेशन पास, कैंपस में बुनियादी सुविधाओं के विकास और छात्रों के अन्य मुद्दों पर काम शुरू करेगा। उन्होंने कहा, “हमने जो वादे किए, उन्हें शीघ्रता से पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

एबीवीपी की इस प्रचंड जीत ने दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों में उत्साह का संचार किया है। यह परिणाम न केवल एबीवीपी की संगठनात्मक ताकत को दर्शाता है, बल्कि युवाओं में राष्ट्रवादी विचारधारा और सकारात्मक बदलाव की चाहत को भी उजागर करता है। उपाध्यक्ष पद पर हार के बावजूद एबीवीपी के गोविंद तंवर ने कहा, “हम छात्रों के जनादेश का सम्मान करते हैं। जीते हुए पदाधिकारी डीयू छात्रों की वास्तविक आवाज बनेंगे।”

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