बवाना लूट के मास्टरमाइंड का शालीमार बाग में एनकाउंटर, अपराधी सुहैल को गोली लगी, अवैध हथियार के साथ धराया

नई दिल्ली : दिल्ली के आउटर नॉर्थ जिले की पुलिस ने एक सनसनीखेज लूट के मामले को मात्र 72 घंटों में सुलझा लिया। लुटेरों ने युवक को बंदूक की नोंक पर 2.57 लाख रुपये लूट लिए थे, जिसमें से 39,500 रुपये बरामद हो गए। मामले के मुख्य आरोपी सुहैल उर्फ कैफ, जो कई हत्या और अपहरण के मामलों में वांछित था, आज शाम शालीमार बाग में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में घायल हो गया। पुलिस का दावा है कि कैफ ने पहले गोली चलाई, जिसके जवाब में पुलिस ने आत्मरक्षा में कार्रवाई की। यह घटना दिल्ली पुलिस की सतर्कता और साहस का एक और उदाहरण है, जो संगठित अपराध के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है।

आउटर नॉर्थ जिले के डीसीपी 26 अगस्त को शाम करीब 8:15 बजे बवाना के आई-63, सेक्टर-5, डीएसआईआईडीसी स्थित एक फैक्ट्री के पास विवेक गुप्ता (21 वर्ष) को उसके ही दोस्त आकाश ने उसके साथियों करण उर्फ बादशाह और सुहैल उर्फ कैफ के साथ मिलकर बंदूक की नोंक पर लूट लिया। विवेक को नकद 2.04 लाख रुपये सौंपने के लिए मजबूर किया गया। इसके अलावा, धमकी देकर पेटीएम के जरिए 25 हजार और 28 हजार रुपये (कुल 2.57 लाख) ट्रांसफर करवाए गए। आरोपी ने विवेक को जान से मारने की धमकी दी थी। इस शिकायत पर नरेला इंडस्ट्रियल एरिया थाने में धारा 308(5)/351(3)/3(5) बीएनएस के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई। जांच एसआई दीपक लाठवाल को सौंपी गई।

मामले की गंभीरता को देखते हुए आउटर नॉर्थ जिले के नरेला इंडस्ट्रियल एरिया थाने की टीम ने तेजी से जांच शुरू की। 72 घंटों के अंदर ही दो आरोपी आकाश और करण उर्फ बादशाह को गिरफ्तार कर लिया गया। उनसे 39,500 रुपये की रिकवरी भी हो गई। गहन पूछताछ में सुहैल उर्फ कैफ की संलिप्तता सामने आई। पेटीएम ट्रांजेक्शन ट्रेल और मोबाइल नंबरों से लीड मिली। तकनीकी निगरानी टीम को इनपुट शेयर किए गए। प्रारंभिक जांच में पता चला कि कैफ और बादशाह पहले मंगोलपुरी थाने के एक हत्या के मामले में आरोपी रह चुके हैं, जो उनके अपराधिक इतिहास को उजागर करता है।

तकनीकी निगरानी और स्थानीय खुफिया जानकारी से पता चला कि फरार आरोपी सुहैल उर्फ कैफ दिल्ली के शालीमार बाग गांव के आसपास छिपा हुआ है। इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई। इसके बाद इंस्पेक्टर आनंद कुमार झा के नेतृत्व में स्पेशल स्टाफ टीम गठित की गई, जो एसीपी ऑपरेशंस के मार्गदर्शन और डीसीपी हरीश्वर स्वामी की निगरानी में कार्यरत थी। संयुक्त पुलिस आयुक्त (उत्तरी रेंज) विजय सिंह के समग्र नेतृत्व में टीम ने तुरंत छापेमारी की।

जैसे ही पुलिस टीम परिसर में घुसी, कैफ ने अंदर से गोली चला दी। आत्मरक्षा में पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें कैफ को दाहिने पैर में गोली लग गई। घायल कैफ को तुरंत अस्पताल ले जाया गया। पूछताछ में उसकी पहचान बवाना लूट मामले के वांछित आरोपी सुहैल उर्फ कैफ के रूप में हुई।

अधिकारी ने बताया, “कैफ की गिरफ्तारी संगठित अपराध पर बड़ा झटका है। हम ऐसी धमकियों को बर्दाश्त नहीं करेंगे।” सुहैल उर्फ कैफ एक कुख्यात अपराधी है, जो कई संगीन मामलों में वांछित है। इसके अलावा, कैफ को लूट, उगाही और हमले जैसे कई अन्य मामलों में मुख्य संदिग्ध माना जा रहा है।

आउटर नॉर्थ जिले की पुलिस ने इस मामले में न केवल दो लुटेरों को पकड़ा और आंशिक राशि बरामद की, बल्कि एक खतरनाक अपराधी को भी निष्क्रिय कर दिया। डीसीपी हरीश्वर स्वामी ने कहा, “हमारी टीम का साहस और प्रतिबद्धता नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है।” यह घटना दिल्ली पुलिस के पेशेवराना रवैये को रेखांकित करती है, जो संगठित अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपना रही है। स्थानीय लोगों में राहत की लहर है, लेकिन पुलिस ने चेतावनी दी है कि अपराधियों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा।

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