दिल्ली में लग्जरी गाड़ियां चुराने वाला गिरोह पकड़ा गया, 1 करोड़ की गाड़ियां बरामद

नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली की एंटी नारकोटिक्स स्क्वाड ने एक अंतरराज्यीय ऑटो-लिफ्टर गिरोह का पर्दाफाश कर बड़ी सफलता हासिल की है। इस गिरोह ने मास्टर की के जरिए दिल्ली के विभिन्न इलाकों से लग्जरी गाड़ियां चुराकर उत्तर प्रदेश और पूर्वोत्तर राज्यों में बेचने का गोरखधंधा चला रखा था। पुलिस ने इस कार्रवाई में एक मुख्य चोर, दो वाहक और दो रिसीवर सहित कुल पांच लोगों को दिल्ली और अलीगढ़ से गिरफ्तार किया। इसके अलावा, बिहार पुलिस के सहयोग से एक अन्य वाहक को मोतिहारी, बिहार से चोरी की कार के साथ पकड़ा गया। इस कार्रवाई में 1 करोड़ रुपये से अधिक कीमत की चार लग्जरी गाड़ियां, मास्टर की, नकली नंबर प्लेट और अन्य उपकरण बरामद किए गए हैं।

पूर्वी जिले में वाहन चोरी की बढ़ती घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए एंटी नारकोटिक्स स्क्वाड की एक विशेष टीम गठित की गई थी। इस टीम का नेतृत्व एसीपी ऑपरेशंस संजय सिंह और प्रभारी, एंटी नारकोटिक्स स्क्वाड इंस्पेक्टर अरुण कुमार ने किया। टीम में सब-इंस्पेक्टर दीपक, राहुल, सहायक सब-इंस्पेक्टर अरुण, हेड कांस्टेबल देवेश, अमित, विवेक, प्रदीप, हरेंद्र, अमित कसाना, आशोक और कांस्टेबल कौशल शामिल थे।

पूर्वी जिला के डीसीपी अभिषेक धनिया ने बताया कि बीती 27 अगस्त को गुप्त सूचना मिली कि बतला हाउस, जामिया नगर निवासी काजिम हुसैन (25 वर्ष), जो पहले कई बार वाहन चोरी के मामलों में जेल जा चुका है, फिर से दिल्ली में गाड़ियां चुरा रहा है। सूचना के आधार पर हिंदन कैनाल रोड पर जाल बिछाया गया। वहां एक काली हुंडई क्रेटा को देखा गया, जिसका चालक काजिम हुसैन निकला। भागने की कोशिश के बावजूद उसे पकड़ लिया गया। गाड़ी की जांच में पता चला कि यह प्रीत विहार थाने में दर्ज चोरी के मामले की थी।

काजिम ने पूछताछ में बताया कि वह एक संगठित अंतरराज्यीय गिरोह का हिस्सा है, जो दिल्ली से गाड़ियां चुराकर मेरठ, अलीगढ़ और पूर्वोत्तर राज्यों में बेचता है। उसने अपने दो वाहकों, विजय नगर, गाजियाबाद निवासी खुसनवाज उर्फ हुसनवाज (30 वर्ष) और जामिया नगर निवासी ताज मोहम्मद (29 वर्ष) के नाम उजागर किए, जिन्हें बाद में गिरफ्तार किया गया। काजिम ने यह भी बताया कि उसने एक चोरी की किआ सेल्टोस अपने एक अन्य वाहक जैतपुर निवासी अबुजार उर्फ सोनू (27 वर्ष) को दी थी, जो सिलीगुड़ी की ओर जा रहा था। पुलिस ने तुरंत बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के दमरिया घाट थाने को सूचना दी, जहां अबुजार को चोरी की किआ सेल्टोस के साथ पकड़ा गया।

आगे की जांच में काजिम की निशानदेही पर दो रिसीवर, अलीगढ़ निवासी अमीर मलिक (28 वर्ष) और आसिफ खान (45 वर्ष) को भी गिरफ्तार किया गया। इनके पास से एक और चोरी की किआ सेल्टोस और एक मारुति अर्टिगा बरामद की गई। इस कार्रवाई से चार वाहन चोरी के मामले सुलझ गए।

डीसीपी ने बताया कि गिरोह मास्टर की का इस्तेमाल कर दिल्ली से लग्जरी गाड़ियां चुराता था। चोरी के बाद गाड़ियों पर नकली नंबर प्लेट लगाकर मेरठ और अन्य जगहों पर ले जाया जाता था। फिर इन्हें अलीगढ़, उत्तर प्रदेश और पूर्वोत्तर राज्यों में बेच दिया जाता था। पूछताछ में पता चला कि गिरोह का मकसद आर्थिक लाभ और शानो-शौकत की जिंदगी जीना था। छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में गाड़ियों की मांग का फायदा उठाकर ये लोग कमजोर सत्यापन प्रक्रिया का दुरुपयोग करते थे।

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