सीएम योगी 2438 को दिए ज्वाइनिंग लेटर; बोले- 2017 से पहले नौकरियों में होता था भेदभाव, दंगाई प्रदेश के रूप में थी पहचान

राष्ट्रीय जजमेंट

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लोक भवन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा चयनित 2,425 मुख्य सेविकाओं और 13 फार्मासिस्टों को नियुक्ति पत्र वितरित किए. इस दौरान उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों पर जमकर निशाना साधा.सीएम योगी ने कहा कि बेईमान राजनीतिक दलों ने भ्रष्टाचार और बंदरबांट की राजनीति से यूपी को बीमारू राज्य बना दिया था. 2017 से पहले की सरकारें नौकरियों में भेदभाव और भ्रष्टाचार करती थीं, जिसके चलते योग्य युवाओं को अवसर ही नहीं मिलते थे. जिससे प्रदेश की पहचान पर संकट आ गया था.
सीएम योगी ने कहा कि 1947 से 1960 तक यूपी देश का अग्रणी प्रदेश था, जिसका राष्ट्रीय योगदान 14% से अधिक था लेकिन, 1960 के बाद शुरू हुई गिरावट 1990 के बाद और तेज हो गई. 2017 तक यूपी का योगदान 8% से भी कम रह गया. दंगों और परिवारवादी राजनीति ने प्रदेश को लूट का अड्डा बना दिया था.उन्होंने कहा कि पहले योजनाएं और नौकरियां जरूरतमंदों तक नहीं पहुंचती थीं. लेकिन, आज पारदर्शी और निष्पक्ष प्रक्रिया से हर क्षेत्र के युवाओं को रोजगार मिल रहा है. मुख्यमंत्री ने नवचयनित मुख्य सेविकाओं और फार्मासिस्टों को बधाई दी. कहा कि यह नियुक्तियां बेटियों के सशक्तीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं.उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों को स्वस्थ समाज की नींव बताते हुए नवचयनित कर्मियों से ईमानदारी और निष्ठा के साथ बच्चों के भविष्य को संवारने की अपील की. सीएम ने कहा कि 2017 के बाद सिर्फ चार साल में स्वास्थ्य और कुपोषण के क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार हुआ है. एनएफएचएस सर्वे के अनुसार, महिलाओं में एनीमिया 5.1%, स्टंटिंग 6.6% और शिशु मृत्यु दर 38% तक कम हुई है.विपक्ष पर निशाना साधते हुए सीएम योगी ने कहा कि उनके पास कोई मुद्दा नहीं, सिर्फ नकारात्मकता है. स्कूल मर्जर जैसे सुधारों को विपक्ष भ्रम फैलाकर बदनाम करता है, जबकि यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति का हिस्सा है. 5,000 बाल वाटिकाएं सफलतापूर्वक चल रही हैं, जो बच्चों के मानसिक विकास में मदद कर रही हैं.महिला सशक्तीकरण पर जोर देते हुए सीएम ने कहा कि हाल ही में यूपी पुलिस में 12,045 बेटियां चयनित हुईं. कन्या सुमंगला योजना से 26 लाख बेटियों को लाभ मिला और सामूहिक विवाह योजना से 4 लाख बेटियों की शादी हुई.उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों में स्मार्टफोन और रीयल-टाइम मॉनिटरिंग से पोषाहार वितरण को और प्रभावी बनाने पर जोर दिया. 19,424 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और 3,000 सहायिकाओं का प्रमोशन हुआ, जो प्रदेश को सशक्त बनाने की दिशा में अहम कदम है.

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