हम अस्थिर दौर में रह रहे हैं, वैश्विक अशांति से निपटने के लिए आत्मनिर्भरता जरूरी: जयशंकर

 

 

 

 

 

 

राष्ट्रीय जजमेंट 

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को कहा कि दुनिया अस्थिरता और अनिश्चितता भरे दौर का सामना कर रहे हैं, जहां कोविड महामारी, कई संघर्षों और व्यापार में बडे़ बदलावों का लगातार सामना करना पड़ रहा है, इसलिए वैश्विक अशांति से निपटने के लिए आत्मनिर्भरता की मानसिकता होनी आवश्यक है।जयशंकर ने यहां एक सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान कहा, ‘‘वैश्वीकरण और शहरीकरण के युग में परंपराएं अक्सर समय के साथ खो जाती हैं, लेकिन हमने इन्हें संजोकर भारतीय पर्यटन को और भी अधिक आकर्षक बना दिया है।’’ कार्यक्रम के विषय ‘अजेय भारत की भावना’ की ओर इशारा करते हुए जयशंकर ने कहा, “हम एक सभ्यतागत राष्ट्र हैं, ऐसा राष्ट्र और समाज जिसने समय की कसौटी पर खरा उतरते हुए अपनी संस्कृति, परंपराओं और विरासत को संजोकर रखा है।”
विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘हमारी असली ताकत हमारे लोग रहे हैं। हमारे लोग और उनका आत्मविश्वास। हमने विपरीत परिस्थितियों में भी जीत हासिल की है और प्रगति एवं समृद्धि की यात्रा में हमने अनेक चुनौतियों का सामना किया है।’’ ‘फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन इन इंडियन टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी’ ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया था। उन्होंने किसी भी देश का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘हम निश्चित रूप से एक उथल-पुथल भरे और अनिश्चित दौर में रह रहे हैं, जिसमें कोविड महामारी, अनेक संघर्षों (जिनमें से कई अब भी जारी हैं) और व्यापार में बडे़ बदलावों का लगातार सामना करना पड़ रहा है।’’ मंत्री ने कहा कि मजबूत घरेलू मांग वाले देशों ने बेहतर प्रदर्शन किया है और जाहिर है कि वे ऐसा करना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा, “ऐसे समय में मजबूत पर्यटन क्षेत्र का महत्व कम करके नहीं आंका जा सकता। आखिरकार, इसमें बुनियादी ढांचे के विकास, उद्यमिता, रचनात्मकता, कौशल वृद्धि और रोजगार सृजन जैसी कई व्यापक संभावनाएं शामिल हैं।” जयशंकर ने कहा कि वास्तव में कुछ गतिविधियां ऐसी हैं जो अर्थव्यवस्था को ऊर्जा प्रदान करने और रोजगार बढ़ाने में अधिक योगदान देती हैं।

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