लड़की के बंधे थे हाथ, मुंह में ठूंसा था कपड़ा, बदमाशों की दरिंदगी सुन कांप उठेगी रूह

राष्ट्रीय जजमेन्ट

ओडिशा में महिलाओं की सुरक्षा पर फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। हाल ही में बालासोर में एक 20 वर्षीय छात्रा द्वारा खुद को आग लगाने की घटना के बाद, अब पुरी में एक और दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। यहाँ शनिवार (19 जुलाई) को एक 15 वर्षीय किशोरी को तीन बदमाशों ने कथित तौर पर मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगा दी, जिससे वह 70% से अधिक झुलस गई। उसे बेहतर इलाज के लिए दिल्ली एम्स लाया गया है। इस जघन्य अपराध के बाद पूरे ओडिशा में भीषण आक्रोश है। इस घटना से जुड़ी कुछ ऐसी भयावह जानकारी सामने आई है, जिसे सुनकर लोगों का कलेजा कांप उठेगा।चश्मदीद का चौंकाने वाला खुलासाएनडीटीवी को दिए एक साक्षात्कार में, चश्मदीद दुखीश्याम सेनापति ने इस जघन्य अपराध का भयावह ब्योरा दिया। उन्होंने बताया कि बदमाशों ने लडकी को आग लगाने से पहले उसके हाथ बांध दिए थे और मुंह में कपडा ठूंस दिया था।सेनापति ने कहा, ‘लडकी जब मेरे घर की ओर दौडी तो वह जल रही थी। उसके हाथ बंधे हुए थे और वह गंभीर रूप से जल गई थी। मेरी पत्नी, बेटी और मैंने आग बुझाई और उसे नए कपडे दिए। फिर, मैंने उससे बात की। उसने मुझे बताया कि वह पास के एक गांव में रहती है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘हमें कुछ भी सुनाई नहीं दिया। उसका मुंह बंद था और उसके हाथ बंधे हुए थे। उसने मुझे बताया कि दो बाइकों पर सवार तीन लोग उसे जबरन यहां लाए, उस पर मिट्टी का तेल डाला और आग लगा दी।’पुलिस के अनुसार, यह वीभत्स घटना बयाबर गांव में उस समय हुई जब लडकी अपनी सहेली के घर जा रही थी। तीन अज्ञात युवकों ने उसे रास्ते में रोका, उसके ऊपर पेट्रोल (संभवतः मिट्टी का तेल, जैसा कि चश्मदीद ने बताया) छिडका और आग लगाकर मौके से फरार हो गए। लडकी अब बोलने की स्थिति में है और पुलिस ने उसका बयान दर्ज कर लिया है, जिससे जांच में तेजी आई है। उसकी मां ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने बताया कि उनकी बेटी ने स्कूल छोड दिया था और उसके पिता एक मोटर मैकेनिक हैं।दिल्ली एम्स में इलाज और ग्रीन कॉरिडोरपुरी की इस किशोरी को आज, बेहतर इलाज के लिए दिल्ली के एम्स ले जाया गया। पुलिस उपायुक्त जगमोहन मीणा ने मीडिया को बताया कि मरीज को एम्स भुवनेश्वर से बीजू पटनायक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे तक ले जाने के लिए एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था। एम्बुलेंस ने 11 किलोमीटर की दूरी मात्र 12 मिनट में तय की और एक एयर एम्बुलेंस उसे राष्ट्रीय राजधानी ले गई।एम्स भुवनेश्वर के कार्यकारी निदेशक आशुतोष बिस्वास ने उसे रवाना करने से पहले संवाददाताओं को बताया, ‘मरीज की हालत स्थिर है और उसका रक्तचाप, जो कल कम था, अब सुधर गया है। उसे सुरक्षित रूप से स्थानांतरित किया जा सकता है।’ डॉक्टरों के अनुसार, उसके शरीर का लगभग 70% हिस्सा जल गया है, और उसकी देखभाल के लिए 14 सदस्यीय विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम बनाई गई है।महिलाओं की सुरक्षा पर सवालइस घटना पर राज्य भर में राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने कहा है कि वह पुरी की घटना से ‘बेहद दुखी’ हैं और भगवान जगन्नाथ से लडकी के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करेंगे।विपक्षी दल बीजू जनता दल (बीजद) ने भाजपा नीत राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा है कि यह घटना बालासोर त्रासदी (संभवतः हाल ही में हुई किसी अन्य घटना का संदर्भ, क्योंकि यहां बालासोर ट्रेन त्रासदी की बात नहीं हो रही) के एक सप्ताह के भीतर हुई है।पटनायक ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘महिलाओं के खिलाफ ऐसी अकल्पनीय घटनाएं अब पूरे ओडिशा में लगभग रोजाना सामने आ रही हैं। ये हिंसा के छिटपुट मामले नहीं हैं। चौंकाने वाली नियमितता के साथ हो रही ये घटनाएं शासन की गहरी व्यवस्थागत विफलता की ओर इशारा करती हैं। यह दर्शाता है कि वर्तमान सरकार के शासन में अपराधियों के हौसले बुलंद हो गए हैं और उन्हें सजा मिलने की कोई चिंता नहीं है। यह दर्शाता है कि सरकारी निष्क्रियता और राजनीतिक संरक्षण के कारण ओडिशा महिलाओं के लिए कितना असुरक्षित होता जा रहा है।’उन्होंने सवाल किया, ‘क्या ओडिशा सरकार इस गहरी नींद से जागेगी और अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए त्वरित कार्रवाई करेगी? और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि क्या सरकार ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कोई कदम उठाएगी? ओडिशा की लडकियां और महिलाएं जवाब का इंतजार कर रही हैं।’ पुलिस ने इस मामले में जांच तेज कर दी है और दोषियों की तलाश जारी है। इस जघन्य अपराध को लेकर पूरे राज्य में न्याय की मांग उठ रही है।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More