शाहदरा जिले की साइबर पुलिस ने स्टॉक ट्रेडिंग घोटाले का किया भंडाफोड़, गोरखपुर से दो गिरफ्तार, ₹10 करोड़ की धोखाधड़ी का खुलासा

नई दिल्ली: दिल्ली के शाहदरा जिले की साइबर पुलिस ने एक बड़े स्टॉक ट्रेडिंग घोटाले का पर्दाफाश करते हुए गोरखपुर से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में ₹8.15 लाख की ठगी का खुलासा हुआ, जो ₹10 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी के नेटवर्क से जुड़ा है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान 28 वर्षीय शशि प्रताप सिंह और 27 वर्षीय निहाल पांडे के रूप में हुई है।

शाहदरा जिले के डीसीपी प्रशांत गौतम ने बताया कि शाहदरा साइबर थाने में 2 अप्रैल को दर्ज प्राथमिकी के आधार पर यह कार्रवाई की गई। शिकायतकर्ता सचिन कुमार ने बताया कि व्हाट्सएप के जरिए एक युवती साक्षी यादव ने उनसे संपर्क किया और स्टॉक ट्रेडिंग में निवेश के लिए प्रेरित किया। साक्षी ने उन्हें एक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का लिंक भेजा और ई तोरो एनालिटिकल टीम व टाइम इस मनी नामक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा, जिसे कथित तौर पर उनके चाचा और एक अन्य व्यक्ति राकेश संचालित करते थे। सचिन ने इन ग्रुप्स में दिए गए बैंक खातों में ₹8.15 लाख जमा किए। लेकिन जब उन्होंने मुनाफा निकालने की कोशिश की, तो सभी लेनदेन विफल रहे। तब उन्हें एहसास हुआ कि वे ठगी का शिकार हो चुके हैं। सचिन ने तुरंत राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल पर शिकायत दर्ज की।

डीसीपी ने बताया कि मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की गई, टीम ने बैंक खातों का विश्लेषण किया। जांच में पता चला कि ₹5.75 लाख की राशि आंध्र प्रदेश के एक कैनरा बैंक खाते में जमा हुई, जो बाद में एक एक्सीस बैंक खाते में स्थानांतरित की गई। इस खाते के लाभार्थी शशि प्रताप सिंह और उनके पिता रामाशंकर सिंह थे। पुलिस ने गोरखपुर में छापेमारी कर शशि प्रताप सिंह को गिरफ्तार किया। उसके कब्जे से एक सैमसंग मोबाइल, दर्ज सिम कार्ड, इसआरजी ट्री कंपनी के दो स्टैंप और दो पैंफलेट कार्ड बरामद किए गए। शशि ने पूछताछ में खुलासा किया कि निहाल पांडे उसे नेपाल ले गया था, जहां एक होटल में तीन अन्य लोगों के साथ ठहराया गया। निहाल ने शशि की सिम और बैंक खाता विवरण एक अज्ञात व्यक्ति को सौंपा था। निहाल को भी गोरखपुर से गिरफ्तार किया गया, जिसके पास से बैंक का एक चेकबुक, दो मोबाइल फोन और तीन सिम कार्ड बरामद हुए।

जांच में पता चला कि शशि और निहाल के बैंक खाते में एक महीने में करीब ₹10.40 करोड़ का लेनदेन हुआ। निहाल ने बताया कि एक अज्ञात व्यक्ति ने शशि को 8-10 लाख रुपये नकद दिए थे, जबकि निहाल को कमीशन मिला। पुलिस ने आरोपियों से तीन मोबाइल फोन, चार सिम कार्ड, दो स्टैंप, दो पैंफलेट कार्ड और एक चेकबुक बरामद की। दोनों आरोपियों को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें एक दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया। जांच जारी है और अन्य संलिप्त लोगों की तलाश की जा रही है।

पुलिस के अनुसार, ठग सोशल मीडिया, व्हाट्सएप या टेलीग्राम के जरिए लोगों को निशाना बनाते हैं। वे खुद को विशेषज्ञ ट्रेडर बताकर ऊंचे मुनाफे का लालच देते हैं। शुरुआत में छोटी राशि निवेश करवाकर नकली मुनाफा दिखाते हैं, जिससे भरोसा जीता जाता है। बाद में बड़ी राशि निवेश करवाई जाती है। जब पीड़ित पैसे निकालने की कोशिश करता है, तो खाता फ्रीज होने या भारी नुकसान का बहाना बनाकर ठग संपर्क तोड़ लेते हैं। इस घोटाले के लिए कई बैंक खातों की जरूरत पड़ती है, जिन्हें कमीशन के बदले लोगों से हासिल किया जाता है।

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