राष्ट्रपति मुर्मू ने ‘हूल दिवस’ पर आदिवासी योद्धाओं को दी श्रद्धांजलि

राष्ट्रीय जजमेंट

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को ‘हूल दिवस’ (विद्रोह दिवस) पर आदिवासी योद्धाओं को श्रद्धांजलि दी और कहा कि अन्याय के खिलाफ उनके संघर्ष की अमर गाथाएं देश के लोगों के लिए प्रेरणा का अक्षय स्रोत हैं। हूल दिवस 1855-56 में ब्रिटिश शासन के खिलाफ संथाल विद्रोह की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।आदिवासी सिदो और कान्हू मुर्मू दो भाई थे, जिन्होंने संथाल हूल नामक विद्रोह का नेतृत्व किया था। यह विद्रोह झारखंड क्षेत्र में हुआ था। राष्ट्रपति मुर्मू ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हूल दिवस पर, मैं सिदो-कान्हू, चांद-भैरव, फूलो-झानो और संथाल विद्रोह के अन्य सभी वीर सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं। उनके अदम्य साहस तथा अन्याय के विरुद्ध उनके संघर्ष की अमर गाथाएं देशवासियों के लिए प्रेरणा का अक्षय स्रोत हैं। उनके त्याग और बलिदान को लोग सदैव याद रखेंगे।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More