क्या बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे चिराग पासवान? एलजेपी-आर के ऐलान के क्या है मायने?

राष्ट्रीय जजमेंट

बिहार में चुनावी माहौल के बीच लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के इस साल अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही हैं। पार्टी नेता और सांसद अरुण भारती ने अब सार्वजनिक रूप से इस कदम का समर्थन किया है और इसे जमीनी स्तर से सामूहिक मांग बताया है। अरुण भारती ने एक्स पर लिखा कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान हमेशा कहते हैं कि उनकी राजनीति बिहार केंद्रित है और उनका विजन “बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट” एक विकसित और आत्मनिर्भर बिहार का संकल्प है। यह तभी संभव है जब वे खुद बिहार में रहकर नेतृत्व करें।
अरुण भारती ने आगे लिखा कि जब मैं प्रदेश प्रभारी के रूप में गांव-गांव गया, हर जगह लोगों की एक ही मांग थी कि चिराग जी को अब बिहार में बड़ी भूमिका निभानी चाहिए। हाल ही में पार्टी कार्यकारिणी की बैठक में भी सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास हुआ कि वे आगामी विधानसभा चुनाव में खुद चुनाव लड़ें। साथ ही साथ, कार्यकर्ताओं की यह भी भावना है कि इस बार वे किसी आरक्षित सीट से नहीं, बल्कि एक सामान्य सीट से चुनाव लड़ें — ताकि यह संदेश जाए कि वे अब सिर्फ एक वर्ग नहीं, पूरे बिहार का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं।उन्होंने लिखा कि चिराग पासवान आज सिर्फ प्रतिनिधि नहीं, पूरे बिहार की उम्मीद हैं। उनका यह कदम सामाजिक न्याय की राजनीति को एक नई दिशा देगा — जिसमें प्रतिनिधित्व के साथ-साथ सर्वमान्यता की भी लड़ाई लड़ी जाएगी। भारती ने यह भी लिखा कि जब नेता पूरे बिहार का है, तो सीट का दायरा क्यों सीमित हो? कार्यकर्ताओं की यह भी भावना है कि इस बार चिराग पासवान बिहार विधानसभा के चुनाव में किसी आरक्षित सीट से नहीं, बल्कि एक सामान्य सीट से चुनाव लड़ें – चिराग पासवान अब सिर्फ़ एक समुदाय की नहीं, पूरे बिहार की उम्मीद हैं।
2025 के बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही राज्य का राजनीतिक परिदृश्य गर्म हो रहा है, हर किसी के मन में एक सवाल है: क्या चिराग पासवान बिहार के मुख्यमंत्री बन सकते हैं? इंटरनेट पर “बिहार का सीएम चिराग चाहिए” वाले पोस्टरों के आने के बाद चिराग पासवान के मुख्यमंत्री पद के लिए संभावित उम्मीदवारी के बारे में अटकलें तेज हो गईं। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान ने शीर्ष पद के लिए किसी भी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा से इनकार किया है, लेकिन उनके कार्यों से कुछ और ही पता चलता है।
यह प्रश्न और गहरा गया तथा इसने तब जोर पकड़ लिया जब पार्टी ने सुझाव दिया कि नेता को आरक्षित सीट के बजाय ‘सामान्य सीट’ से चुनाव लड़ना चाहिए। इस बीच, 8 जून को आरा में लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) की नव संकल्प सभा की घोषणा ने भी चिराग पासवान के 2025 के चुनाव अभियान के लिए समर्थन जुटाने की कोशिश की है। इस आयोजन से बिहार के लिए चिराग के नेतृत्व और विजन को प्रदर्शित करने की उम्मीद है, जो संभावित रूप से एक मजबूत चुनावी प्रदर्शन के लिए मंच तैयार करेगा।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More