साइबर थाना पुलिस ने नौकरी घोटाले के कॉल सेंटर का किया भंडाफोड़, सरगना समेत 13 गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने नई दिल्ली जिले में एक अवैध कॉल सेंटर का पर्दाफाश करते हुए ऑनलाइन नौकरी घोटाले के मास्टरमाइंड फहीक सिद्दीकी सहित 13 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस कार्रवाई में 8 पुरुषों और 6 महिलाओं को हिरासत में लिया गया, साथ ही 1,31,500 नकदी, 8 लैपटॉप, 47 मोबाइल फोन, 57 सिम कार्ड, 15 डेबिट कार्ड और 2 वाई-फाई डोंगल बरामद किए गए।

नई दिल्ली जिले के डीसीपी देवेश कुमार महला ने बताया कि राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल पर एक महिला शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने 24 जनवरी को शाइन डॉट कॉम और नौकरी डॉट कॉम पर चिकित्सा क्षेत्र में नौकरी के लिए अपनी साख अपलोड की थी। 27 जनवरी को प्रिया नाम की एक महिला ने उसे नौकरी का ऑफर देकर 500 रुपए डिपॉजिट जमा के रूप में मांगे, जिसका भुगतान किया गया। इसके बाद अतुल नाम के व्यक्ति ने टेलीफोनिक साक्षात्कार के बाद प्रशिक्षण शुल्क के लिए 3,999, दस्तावेज सत्यापन के लिए 7,500 और नौकरी किट के लिए 7,250 रूपए की मांग की। अंत में, वेतन खाता खोलने के लिए 11,000 की मांग पर शिकायतकर्ता को संदेह हुआ और उसने भुगतान रोककर पुलिस में शिकायत दर्ज की। इस आधार पर साइबर पुलिस स्टेशन, नई दिल्ली में मामला दर्ज किया गया।

डीसीपी ने बताया कि जांच में पता चला कि घोटाले में इस्तेमाल मोबाइल नंबर बंद थे और आईएमईआई निष्क्रिय थे। लाभार्थी बैंक खाताधारक ने बताया कि सुमित नामक व्यक्ति ने अलीगढ़ रेलवे स्टेशन पर उसके भतीजे से 2,000 रुपए प्रति खाता लेकर खाते खुलवाए और दस्तावेज व एटीएम अपने पास रख लिए।

पुलिस ने शाइन डॉट कॉम से शिकायतकर्ता की प्रोफाइल तक पहुंचने वाले 15 भर्तीकर्ताओं की सूची प्राप्त की। तकनीकी निगरानी और सीसीटीवी फुटेज के विश्लेषण से संदिग्ध फहीक सिद्दीकी की पहचान हुई, जो लक्ष्मी नगर में रहता था और नोएडा के सेक्टर-3 में कॉल सेंटर चला रहा था। 14 मई को इंस्पेक्टर हरीश चंद्र और एसीपी रतन लाल के नेतृत्व में पुलिस ने नोएडा के डी-15, सेक्टर-3 में छापा मारा, जहां फहीक और 12 अन्य लोग अवैध कॉल सेंटर संचालित करते पाए गए। बाद में लक्ष्मी नगर मेट्रो स्टेशन के पास जाल बिछाकर सुमित को भी गिरफ्तार किया गया।

उन्होंने आगे बताया कि आरोपी शाइन डॉट कॉम की सदस्यता लेकर नौकरी चाहने वालों के मोबाइल नंबर हासिल करते थे। वे भर्तीकर्ता बनकर नौकरी का लालच देते और प्रशिक्षण शुल्क, सुरक्षा जमा व किट शुल्क के नाम पर पैसे वसूलते थे। सुमित फर्जी खाते और सिम कार्ड उपलब्ध कराता था। घोटाले से जुड़े मोबाइल नंबर और सिम कार्ड की जांच के लिए भेजा गया है। अन्य पीड़ितों और संदिग्धों की पहचान की जा रही है।

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