दिल्ली पुलिस ने अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों के नेटवर्क का किया भंडाफोड़, 6 बांग्लादेशी और 5 भारतीय सहयोगी गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली के दक्षिण-पूर्व जिले की एंटी नारकोटिक स्क्वॉड ने एक ऑपरेशन में अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों के नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। इस कार्रवाई में 6 बांग्लादेशी नागरिकों और 5 भारतीय सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया, जो फर्जी दस्तावेजों के जरिए अप्रवासियों को शरण, रोजगार और हथियार उपलब्ध करा रहे थे। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 11 जाली आधार कार्ड, बांग्लादेशी पहचान दस्तावेज, एक कंप्यूटर, चार हार्ड डिस्क, एक लैपटॉप, रंगीन प्रिंटर, आंख और फिंगरप्रिंट स्कैनर, जाली जन्म व जाति प्रमाण पत्र, 9 मोबाइल फोन और ₹19,170 नकद बरामद किए हैं।

दक्षिण-पूर्व जिले के डीसीपी रवि कुमार सिंह ने बताया कि जिले की एंटी नारकोटिक्स स्क्वॉड ने खुफिया जानकारी के आधार पर 12 मार्च को तैमूर नगर में कार्रवाई की। एक मुखबिर ने बताया कि असलम उर्फ मासूम उर्फ मोहम्मद नामक व्यक्ति, जो हाल ही में बांग्लादेश से अवैध रूप से भारत में घुसा था, तैमूर नगर में छिपा हुआ है। असलम अन्य एजेंटों के साथ मिलकर जाली दस्तावेजों के जरिए बांग्लादेशियों को भारत में बसाने में शामिल था। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए असलम को गिरफ्तार किया, जिसके पास से एक जाली आधार कार्ड और बांग्लादेशी पहचान पत्र बरामद हुआ।

जांच के दौरान मुख्य सरगना 55 वर्षीय चांद मिया की पहचान हुई, जो पिछले 10-12 वर्षों से बांग्लादेशी नागरिकों को अवैध रूप से भारत लाने में सक्रिय था। चांद मिया बेनापोल (पश्चिम बंगाल) और मेघालय सीमा के रास्ते प्रवासियों को भारत में प्रवेश कराता था। वह प्रति व्यक्ति 20,000-25,000 रुपये वसूलता था। चांद मिया की निशानदेही पर चेन्नई में 33 अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पकड़ा गया, जिनके खिलाफ स्थानीय पुलिस ने दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की हैं।

पुलिस के अनुसार, ये प्रवासी स्थानीय एजेंटों की मदद से भारत-बांग्लादेश सीमा पार करते थे और फिर ट्रेन के जरिए दिल्ली पहुंचते थे। यहां वे तैमूर नगर जैसे इलाकों में झुग्गी-झोपड़ियों में बस जाते थे। कई प्रवासियों ने जाली आधार कार्ड और पैन कार्ड का उपयोग कर दिहाड़ी मजदूरी, कबाड़ इकट्ठा करने और कचरा उठाने जैसे कम वेतन वाली नौकरियों में काम शुरू किया।

गिरफ्तार बांग्लादेशी प्रवासियों में असलम (25), मोहम्मद अली हुसैन (28), मोहम्मद मिजान (25), फातिमा अफ्रोस (32), मूली मुल्ला (24), और चांद मिया (55) शामिल हैं। भारतीय एजेंटों में मोहम्मद अनीस (41), रंजन कुमार यादव (32), रहीसुद्दीन अली (37), शब्बीर (28), और लोकमान अली (35) शामिल हैं। ये एजेंट साइबर कैफे और अन्य सुविधाओं के जरिए जाली दस्तावेज तैयार करते थे। गिरफ्तार व्यक्तियों के खिलाफ न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाने में संबधित धाराओं ने मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 11 जाली आधार कार्ड, बांग्लादेशी पहचान दस्तावेज, एक कंप्यूटर, चार हार्ड डिस्क, एक लैपटॉप, रंगीन प्रिंटर, आंख और फिंगरप्रिंट स्कैनर, जाली जन्म व जाति प्रमाण पत्र, 9 मोबाइल फोन और ₹19,170 नकद बरामद किए हैं। मामले में आगे की कार्यवाही जारी है।

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