बिल में मोदी-शाह ने ऐसा क्या जोड़ा, वक्फ का 9.43 लाख एकड़ जमीन जब्त, धमकी देने वालों की सारी गलतफहमी कैसे निकाल दी?

राष्ट्रीय जजमेंट

तमाम अटकलों, अनुमानों और बयानों के बीच आखिरकार मोदी सरकार ने लोकसभा में 2 अप्रैल को वक्फ अमेंडमेंट बिल 2024 पेश कर दिया। सब तरफ शोर था, जोर से था, कि कानून बनकर रहेगा। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने बिल को पेश किया, जिसे एनडीए में शामिल टीडीपी, जेडीयू और चिराग पासवान की पार्टी का समर्थन मिला। वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वक्फ में गैर इस्लामिक शामिल नहीं होगा। ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। वोट बैंक के लिए अल्पसंख्यकों को डराया जा रहा है। एक सदस्य ने ये कह दिया कि ये बिल अल्पसंख्यक मंजूर नहीं करेंगे तो इस पर शाह ने पूछा कि क्या धमकी दे रहे हो भाई! देश का कानून है स्वीकार करना पड़ेगा। लोकसभा में जिस तरह से सत्ता पर काबिज एनडीए के सांसदों ने विपक्ष की धज्जियां उड़ाई उससे वक्फ बिल पर विपक्ष पूरी तरह से घुटनों पर आ गया। इस बिल को लेकर विपक्ष सबसे ज्यादा शोर मचा रहा था। लेकिन जब लोकसभा में बिल पेश हुआ तो तैयारियां वहीं शून्य बटा सन्नाटा निकला। अनमने ढंग से मुस्लिम वोट बैंक के लिए विरोध किया जा रहा था। लेकिन कई सारे सांसद चाहे वो किसी भी दल के हो वो अंदरखाने यही कह रहे कि सही हो रहा है। साढें नौ लाख एकड़ जमीन इतनी तो कई सारे देश के पास भी नहीं है। वो किसके हाथ में है? बोर्ड के हाथ में हैं। बोर्ड मौलवी या मौलाना चला रहे हैं। जिस जमीन का इस्तेमाल गरीब मुसलमानों के लिए होना चाहिए उसमें होटल लगवा दिया जा रहा था। किराए पर दे दिया जा रहा है। वो किराया का पैसा किसके पास आ रहा है। क्या वो मुसलमानों के कल्याण के लिए इस्तेमाल हो रहा है? बीजेपी ने ये सारी बाता नहीं बल्कि सच्चर कमेटी की रिपोर्ट में चिन्नहित किया गया है। वक्फ की प्रॉपर्टी में जिस तरह से मिसमैनेजमेंट है, वो बंद होना चाहिए। बीजेपी अगर अच्छे मन से मुसलमानों के वेलफेयर के लिए वक्फ का इस्तेमाल भी करना चाहे तो वो कानून नहीं है। 17 राज्यों में सरकार है। वक्फ बनाने का काम सीधे राज्य सरकार के अंदर में होता है। अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में सरकार में आने पर वक्फ बोर्ड के हेड पार्टी विधायक अमानतुल्लाह खान को बना दिया। बाद में ईडी की जांच में सामने आया कि दिल्ली वक्फ बोर्ड (डीडब्ल्यूबी) के अध्यक्ष के रूप में अमानतुल्ला ने 2016 से 2021 के कार्यकाल के दौरान अर्जित अवैध धन का इस्तेमाल दक्षिण-पूर्वी दिल्ली में एक संपत्ति खरीदने के लिए किया गया था। इसी तरीके से हर जगह ये लूट चल रही थी। इसे रोकने का इंतजाम किया गया। आपने देखा होगा कि कई जगह खुशियां मनाई गई, पटाखें फोड़े गए। मुस्लिम तबका जो अब तक इन बोर्ड वालों से शोषित हो रहा था। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को लग रहा है कि ये कब्जा इनके हाथ से निकल जाएगा। आपने लालू यादव का लोकसभा में दिया वायरल भाषण भी वायरल हो गया। इसमें लालू कहते नजर आए कि कड़ा कानून बनाओ। पटना के अंदर डाक बंगला चौराहे के पास कई जमीनों पर कब्जा हो गया। आप सरकार में रहते हो तो दूसरी बात कहते हो और विपक्ष में रहो तो दूसरी बात। लेकिन कल ये लोकसभा से पास हो गया और आज राज्यसभा से भी आज पास हो जाएगा। वहीं कल तक इस पर राष्ट्रपति महोदया की मुहर लग जाएगी।

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