’45 मिनट का भाषण और 34 बार चीन का नाम’, बीजेपी ने राहुल गांधी को बताया जिनपिंग, पूछा- ये रिश्ता क्या कहलाता है?

राष्ट्रीय जजमेंट

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए राहुल गांधी ने कहा कि विनिर्माण का काम चीन की कंपनियों को दे दिया गया है। राहुल गांधी ने मोबाइल फोन दिखाते हुए कहा, ‘‘यह मेड इन इंडिया नहीं, बल्कि ‘असेंबल्ड इन इंडिया’ है।’’ भारत की रक्षा तैयारियों पर चिंताओं को उजागर करते हुए, उन्होंने चेतावनी दी कि संघर्ष की स्थिति में, देश चीनी निर्मित घटकों पर निर्भर रहेगा। राहुल गांधी ने कहा कि चीन भारत के अंदर बैठा है क्योंकि मेक इन इंडिया पहल विफल हो गई है।
लोकसभा नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इसका खंडन किया है और सेना ने प्रधानमंत्री का खंडन किया है कि चीन हमारे क्षेत्र के 4000 वर्ग किमी पर बैठा है। राहुल जब बोल रहे थे तो केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बीच में टोकते हुए कहा कि सदन में मनचाही बात नहीं बोल सकते हैं। ये गंभीर मामला है। अब भाजपा ने एक बार फिर से राहुल पर वार किया है। भाजपा नेता विनोद तावड़े ने एक्स पर लिखा कि 45 मिनट की स्पीच में 34 बार चीन का नाम! राहुल जी का चीन से ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’?

बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने राहुल गांधी को जिनपिंग बता दिया। संबित पात्रा ने कहा कि मेरा मन उन्हें ‘राहुल जिनपिंग’ कहकर संबोधित करने का करता है। उन्होंने 34 बार चीन का नाम लिया। वह प्रार्थना कर रहे होंगे कि अगले जन्म में वह चीनी बनें। राहुल गांधी ने कहा कि चीन में मैन्युफैक्चरिंग ज्यादा है और भारत पिछड़ रहा है। 2004-14 तक भारत और चीन के बीच व्यापार घाटा 25 गुना अधिक था। उन्होंने कहा कि बैंकिंग सेक्टर में सिर्फ 1-2 कंपनियों को तवज्जो दी जा रही है और गरीब लोगों को नजरअंदाज किया जा रहा है। पीएम मोदी ने मुद्रा योजना के तहत 51 करोड़ लोगों को लोन दिया। कांग्रेस यूपीआई सिस्टम के खिलाफ थी। आज यूपीआई के जरिए 50 करोड़ ट्रांजैक्शन हो रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि मैं राहुल गांधी को बताना चाहता हूं कि ताजपोशी सिर्फ गांधी परिवार में होती है। डोनाल्ड ट्रंप का शपथ ग्रहण समारोह था। QUAD देशों के विदेश मंत्रियों को आमंत्रित किया गया। जिस तरह से आपने भारत को नीचा दिखाने की कोशिश की, अपने ही देश के प्रति इतनी हीन भावना ठीक नहीं है। 2014 तक पीएम ही चुनाव आयुक्त नियुक्त करते थे। यह पीएम मोदी ही हैं जिन्होंने इस प्रक्रिया में एलओपी को शामिल किया।

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