Donald Trump से भारत को रोजाना मिल रही हैं चेतावनियां, क्या Modi इस स्थिति का मुकाबला कर पाएंगे?

राष्ट्रीय जजमेंट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच बातचीत के बाद क्या आपको लगता है कि जिन भारतीयों पर अमेरिका से निकाले जाने का खतरा मंडरा रहा है वह टल जायेगा? ट्रंप जिस तरह एक एक कर विभिन्न देशों पर अमेरिका के आर्थिक हथियारों से हमला कर रहे हैं उसके क्या निहितार्थ हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अवैध प्रवासियों के मामले पर भारत के साथ बातचीत जारी है तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस मामले में वही करेंगे जो सही होगा। उन्होंने कहा कि हमें यह भी याद रखना चाहिए कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में 23 जनवरी को भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा था कि भारत अवैध रूप से रह रहे भारतीयों की वैध वापसी के लिए हमेशा तैयार रहा है।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के फरवरी में व्हाइट हाउस जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका उन देशों पर शुल्क लगाएगा जो अमेरिका को नुकसान पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने चीन, भारत और ब्राजील को उच्च शुल्क वाले देशों की श्रेणी में रखा है। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने अवैध प्रवासियों के बारे में खुद बताया है कि मोदी वही करेंगे जो सही है। उन्होंने कहा कि ट्रंप और मोदी के बीच अच्छे मित्रवत संबंध हैं। उन्होंने कहा कि दोनों ने सितंबर 2019 में ह्यूस्टन और फरवरी 2020 में अहमदाबाद में दो अलग-अलग रैलियों में हजारों लोगों को संबोधित किया था। उन्होंने कहा कि नवंबर 2024 में ट्रंप की शानदार चुनावी जीत के बाद मोदी उनसे बात करने वाले विश्व के तीन शीर्ष नेताओं में शामिल थे। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं की हालिया बातचीत काफी सार्थक रही। दोनों नेताओं ने सहयोग बढ़ाने और उसे गहरा करने पर चर्चा की। उन्होंने हिंद-प्रशांत, पश्चिम एशिया और यूरोप में सुरक्षा समेत कई क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि बातचीत के दौरान ट्रंप ने अमेरिका में निर्मित सुरक्षा उपकरणों की भारत द्वारा खरीद बढ़ाने और उचित द्विपक्षीय व्यापार संबंधों की दिशा में आगे बढ़ने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मोदी और ट्रंप ने अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी और हिंद-प्रशांत ‘क्वाड’ साझेदारी को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत इस साल के अंत में पहली बार क्वाड नेताओं की मेजबानी करेगा। उन्होंने कहा कि कई अन्य देशों की तरह भारत में भी आव्रजन और शुल्कों के प्रति ट्रंप प्रशासन के दृष्टिकोण को लेकर कुछ चिंताएं हैं। ट्रंप ब्रिक्स समूह पर 100 प्रतिशत शुल्क लगाने की बात पहले ही कर चुके हैं। इस समूह में भारत भी शामिल है।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण करने के मात्र चार दिन के भीतर ही, देश ने सैन्य विमानों का उपयोग करते हुए अवैध अप्रवासियों के लिए निर्वासन उड़ानें शुरू कर दी थीं। उन्होंने कहा कि अवैध आप्रवासियों का सामूहिक निर्वासन, ट्रंप के प्रचार अभियान के प्रमुख चुनावी वादों में से एक रहा है। इसके तहत, ट्रंप ने एक शासकीय आदेश पर भी हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें सूचना जारी की गई है कि भविष्य में बिना दस्तावेज वाले अप्रवासियों से पैदा होने वाले बच्चों को नागरिक नहीं माना जाएगा। उन्होंने कहा कि व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने जानकारी दी थी कि पूर्व राष्ट्रपति ड्वाइट आइजनहावर के बाद पहली बार सैन्य विमानों का उपयोग कर निर्वासन उड़ानें शुरू की गई हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप पूरी दुनिया को एक कड़ा और स्पष्ट संदेश दे रहे हैं कि अगर आप अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करते हैं, तो आपको गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने कहा कि इस बारे में ट्रंप ने भी कहा है कि निर्वासन प्रक्रिया बेहद अच्छी तरह से जारी है। हम बुरे, खूंखार अपराधियों को बाहर निकाल रहे हैं। ये हत्यारे हैं। ये वे लोग हैं जो सबसे बुरे हैं, इतने बुरा आपने शायद ही किसी को भी देखा है। हम सबसे पहले इन्हें बाहर निकाल रहे हैं।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन की रणनीति में वास्तव में अमेरिकी भू-राजनीतिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए टैरिफ और प्रतिबंधों को उपकरण के रूप में उपयोग करना शामिल है। उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह ही डोनाल्ड ट्रंप ने मैक्सिको और कनाडा जैसे देशों से आयात पर महत्वपूर्ण टैरिफ लगाने की धमकी दी है और चीन पर टैरिफ तथा रूस के खिलाफ और प्रतिबंध लगाने का भी प्रस्ताव किया है। उन्होंने कहा कि कोलंबिया के साथ स्थिति तब बिगड़ गई जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रवासियों के लिए निर्वासन उड़ानों को स्वीकार करने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि कई विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस तरह की आक्रामक आर्थिक रणनीति वास्तव में उलटा असर डाल सकती है। उन्होंने कहा कि साथ ही प्रतिबंधों का अत्यधिक उपयोग भी लंबे समय में उनकी प्रभावशीलता को कम कर सकता है।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More