खून से लथपथ थे सैफ अली खान, सही समय पर ‘भजन’ की मौजूदगी से कैसे बची जान, अस्पताल ले जाने वाले ऑटो ड्राइवर ने जो बताया वो कर देगा हैरान

राष्ट्रीय जजमेंट

सैफ अली खान पर चाकू से अटैक हुआ था। इस अटैक के बाद वो खून से लथपथ ऑटो में बैठकर हॉस्पिटल पहुंचे थे। अब उस ऑटो ड्राइवर ने उस रात क्या-क्या हुआ इसे लेकर पूरी कहानी बताई है।भजन सिंह ने बताया कि वो नाइट में ही गाड़ी चलाते हैं और सवारी की तलाश में घूम रहे थे। एक लेडी सामने से भागते हुए आती है और कहती है कि भईया फटाक से यू-टर्न लो और गाड़ी गेट पर लगाओ इमरजेंसी है। किसी को घाव लगा है। मैं जब गेट पर जाता हूं तो दो-चार लोग निकलते हैं। रिक्शा गेट पर लगाने के बाद वहां एक आदमी निकलता है। उसका पूरा सफेद कुर्ता खून से सना हुआ होता है। देखने के बाद मुझे भी अफसोस हुआ कि इसको ज्यादा जख्म लगा हुआ है। मैंने फटाफट बैठाया उनको। उनके साथ एक बच्चा बैठा और उनके साथ एक और आदमी बैठा था। ड्राइवर ने कहा कि ये करीब तीन पौने तीन बजे की बात है। ऑटो में बैठने के बाद मुझे हॉस्पिटल लेने को कहा। वे आपस में बात कर रहे थे। मैंने पूछा कि सर किधर जाएंगे। तो आपस में उन लोगों ने बात की कि लीलावती जाएं या फिर होली फैमिली? सैफ अली खान ने कहा कि लीलावती चलो।
फिर मेरे से उनसे पूछा कितना टाइम लगेगा। हम आठ से दस मिनट में पहुंच गए। जब अस्पताल पहुंचे तो हम उन्हें इमरजेंसी डोर पर लेकर गए। वहां एंबुलेंस खड़ी थी। एंबुलेंस हटी पीछे उसके बाद रिक्शा साइड लगाया। हॉस्पिटल पहुंचने के बाद सैफ ने वहां स्टाफ से कहा कि मैं सैफ अली खान हूं। जल्दी से स्ट्रेचर लेकर आओ। तब मुझे पता चला कि ये सैफ अली खान हैं। ड्राइवर ने बताया कि उसने ऑटो का किराया भी नहीं लिया। भजन सिंह ने कहा कि उनकी गर्दन और पीठ से खून बह रहा था। उनका सफेद कुर्ता लाल हो गया और काफी खून बह गया। मैंने किराया भी नहीं लिया. मुझे अच्छा लग रहा है कि मैं उस समय उनकी मदद कर सका। इस बीच, डॉक्टरों ने कहा है कि खान पर इलाज का अच्छा असर हो रहा है और उन्हें दो से तीन दिनों में छुट्टी मिलने की उम्मीद है। डॉ. नितिन डांगे ने कहा कि हम उनकी प्रगति देख रहे हैं और वह हमारी उम्मीदों के मुताबिक बहुत अच्छा कर रहे हैं। उनकी प्रगति के अनुसार, हमने उन्हें आराम की सलाह दी है और अगर वह सहज हैं, तो दो से तीन दिनों में हम उन्हें छुट्टी दे देंगे। डॉक्टरों के अनुसार, खान को तीन चोटें आईं, दो हाथ पर और एक गर्दन के दाहिनी ओर। और बड़ा हिस्सा पीछे की तरफ था, जो रीढ़ की हड्डी में था।

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