नए आपराधिक कानूनों पर ममता सरकार ने बिठाई जांच, गवर्नर बोले- बंगाल को बनाना रिपब्लिक में नहीं बदला जा सकता

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से 1 जुलाई को लागू हुए तीन नए आपराधिक कानूनों की समीक्षा के लिए सात सदस्यीय समिति के उद्देश्यों पर तत्काल रिपोर्ट देने का आग्रह किया है। इस कदम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने कहा कि राज्य को बनाना रिपब्लिक में नहीं बदला जा सकता। उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता वाला पैनल जारी अधिसूचना की तारीख से तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। राज्यपाल ने कहा कि पश्चिम बंगाल एक राज्य के भीतर एक राज्य नहीं हो सकता है या उसे बनाना रिपब्लिक में तब्दील नहीं किया जा सकता है।एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया कि समिति के पास विषय वस्तु पर उनके विचार जानने के लिए अकादमिक विशेषज्ञों, वरिष्ठ अधिवक्ताओं, अनुसंधान सहायकों और अन्य कानूनी विशेषज्ञों को शामिल करने की शक्ति होगी। इसमें सार्वजनिक परामर्श करने की भी शक्ति होगी। एक अधिकारी ने बताया कि न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अशिम कुमार रॉय की अध्यक्षता वाले पैनल में राज्य के कानून मंत्री मलय घटक और वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य भी शामिल हैं। तीन नए आपराधिक कानून – भारतीय न्याय संहिता 2023 (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 (बीएसए) – ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी), भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और साक्ष्य अधिनियम के औपनिवेशिक युग के कानूनों को प्रतिस्थापित कर दिया। 21 जून को बनर्जी ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन को स्थगित करने का आग्रह किया। उन्होंने नए कानूनों पर संसद में आगे चर्चा की भी मांग की थी।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More