दिल्ली हवाई अड्डा पर एयर इंडिया की फ्लाइट में हुई घंटों की देरी, गर्मी से बेहोश हुए यात्री

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़

इन दिनों देश भर में भीषण गर्मी हो रही है। खासतौर से उत्तर भारत के राज्यों में सूरज रोज आग उगल रहा है। इसी बीच एयरपोर्ट पर एयर इंडिया से यात्रा करने वाले यात्रियों को इस भीषण गर्मी में और भी परेशान होना पड़ा है। एयर इंडिया की फ्लाइट का अनुभव यात्रियों के लिए काफी परेशान करने वाला साबित हुआ है। फ्लाइट के लिए इंतजार करना भी यात्रियों के लिए लंबा होता जा रहा है। यात्रियों को एक बार फिर से तब परेशान होना पड़ा जब एयर इंडिया की दिल्ली से सैन फ्रैंसिस्को जाने वाली फ्लाइट ने देरी से उड़ान भरी। इस उड़ान में हुई देरी के कारण यात्रियों को भीषण गर्मी का शिकार होना पड़ा। सिर्फ यही नहीं यात्रियों को भयंकर गर्मी में भी बिना एयर कंडीशनिंग वाले प्लेन मे बैठने के लिए मजबूर होना पड़ा। भयंकर गर्मी के कारण कई यात्री बेहोश हो गए। वहीं कई अन्य यात्री भी प्लेस से उतरने की गुहार लगाते दिखाई दिए।इसकी जानकारी सोशल मीडिया पर भी कई यात्रियों ने दी है। एयर इंडिया, कृपया मेरे और बोर्डिंग एरिया में फंसे अन्य कई अभिभावकों को घर जाने दें! AI 183 8 घंटे से ज़्यादा देरी से चल रही है। लोगों को विमान में चढ़ने और बिना एसी के बैठने के लिए मजबूर किया गया। फिर विमान से उतार दिया गया और टर्मिनल में प्रवेश नहीं करने दिया गया क्योंकि इमिग्रेशन हो चुका था। अभिषेक शर्मा नामक यात्री ने अपने हैंडल पर ये जानकारी दी है। बाद की पोस्ट में उन्होंने कहा: “एयरलाइंस यात्रियों को होटल में ले गई। कमरा शुक्रवार को सुबह 2 बजे तक उपलब्ध करा दिया गया। प्रस्थान समय 11 बजे के साथ एक नया बोर्डिंग पास प्रदान किया गया। माता-पिता वापस एयरपोर्ट पर आ गए हैं और ऐसा लगता है कि यह उड़ान भी रद्द हो गई है। एयरलाइन्स से कोई भी मदद नहीं कर रहा है,” उन्होंने शुक्रवार सुबह 8.43 बजे एक्स पर कहा। “प्रतिक्रिया की सराहना करता हूँ, लेकिन कृपया इसे कार्रवाई में बदलाव करें।एक अन्य यात्री ने लिखा की आपकी टीम के लिए एक्शन लेना और यात्रियों के लिए आरामदायक चीजें उपलब्ध कराना जरुरी है। 10 घंटे से अधिक समय से फ्लाइट के इंतजार में बैठे लोगों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए ये समय पर्याप्त है। उन्होंने डीजीसीए, पीएमओ और विमानन मंत्रालय को टैग करते हुए कहा कि “इस बात पर ध्यान दें कि ये डरावनी कहानियाँ एयरलाइन के साथ रोज़ की बात हैं।”पिछले सप्ताह मुंबई-एसएफओ के यात्रियों को भी ऐसा ही अनुभव हुआ था। लगातार उड़ान भरने वाले यात्रियों को आश्चर्य होता है कि संस्थापक टाटा समूह द्वारा सरकार से इसे अधिग्रहित करने के लगभग 2.5 साल बाद भी एयरलाइन में इतना कम सुधार क्यों हुआ है।

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