राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज
लखनऊ/वाराणसी। दुर्दांत माफिया मुख्तार अंसारी के गुनाहों का हिसाब तेजी से होने लगा है। एक के बाद एक उसके किये गये जुर्मों की सजा न्यायालय से मिलने लगी है। न्यायालयों में चल रहे मामलों में योगी सरकार द्वारा की जा रही प्रभावी पैरवी के कारण माफिया मुख्तार अंसारी को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। तीन दशक पुराने मामले में मुख्तार अंसारी के दोषी पाये जाने के बाद बुधवार को उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही कोर्ट ने उसपर 2 लाख 2 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। अंसारी को दूसरी बार आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। अबतक आठ मामलों में माफिया को सजा सुनाई जा चुकी है।
अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट वाराणसी, अवनीश गौतम की अदालत ने मुख्तार अंसारी को डीएम/एसपी के फर्जी हस्ताक्षर पर शस्त्र लाइसेंस लेने के मामले में सजा सुनाई है। 1990 में थाना मोहम्मदाबाद गाजीपुर में दर्ज तीन और कोतवाली गाजीपुर में दर्ज एक मामले में हुई सुनवाई और प्रभावी पैरवी के बाद चारों धाराओं में अलग अलग सजा सुनाई गई है। इसमें 420/120 बी आईपीसी में सात साल, 467/120 बी आईपीसी में आजीवन कारावास, 468/120 बी में 7 वर्ष और 30 आयुध अधिनियम में 6 माह की सजा सुनाई गई है। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। इसके अलावा मुख्तार अंसारी पर अलग-अलग कुल 2,02,000 रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। अर्थदंड अदा न करने पर 1 साल 1 हफ्ते के अतिरिक्त कारावास का प्रावधान है।
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