लखनऊ: कभी नेहरू और इंदिरा के पंसदीदा शेफ रहे इम्तियाज कुरेशी का निधन, 2016 में पद्म श्री से हुए थे सम्मानित

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज

प्रसिद्ध शेफ इम्तियाज कुरेशी (93) का शुक्रवार को निधन हो गया। वे मुंबई के लीलावती अस्पताल में एडमिट थे। उनके बेटे इश्तियाक कुरेशी ने इसकी जानकारी दी। दिग्गज खानसामा खाना पकाने की दम पुख्त शैली की पुरानी-लखनवी परंपरा को पुनर्जीवित करने के लिए जाने जाते थे।बेटे इश्तियाक ने कहा, अब्बू पिछले 14 दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। वह मधुमेह से पीड़ित थे। उन्होंने कहा कि उनके अब्बू ने कल रात परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताया और वीडियो कॉल के जरिए अपने पोते-पोतियों से भी बात की। उनके बेटे ने कहा, शुक्रवार सुबह करीब 4 बजे उनकी हालत बिगड़ी। डॉक्टरों ने कोशिश की लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। शुक्रवार दोपहर अंतिम संस्कार किया गया। कुरेशी के पांच बेटे और दो बेटियां हैं। 2 फरवरी, 1931 को लखनऊ में जन्मे, कुरेशी ने देश भर के कुछ प्रतिष्ठित होटलों की रेसिपी में अहम योगदान दिया था। इनमें दिल्ली के दम पुख्त और आईटीसी मौर्य में बुखारा जैसे विश्व प्रसिद्ध ब्रांड शामिल हैं।

2016 में मिला था पद्म श्री
पांच दशक से अधिक लंबे करियर के दौरान कुरेशी ने 1960 के दशक में जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी जैसे नेताओं को कई भव्य भोज दिए। पाक कला में उनके योगदान के लिए 2016 में उन्हें प्रतिष्ठित पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। वह इसे प्राप्त करने वाले शेफ समुदाय के पहले व्यक्ति थे।

सोशल मीडिया पर दी गई श्रद्धांजलि…
शेफ कुणाल कपूर ने लिखा, मुझे पद्मश्री शेफ इम्तियाज कुरेशी के निधन की दिल दहला देने वाली खबर बताते हुए दुख हो रहा है। वो आज सुबह इस दुनिया से चले गए। उनकी पाक विरासत और योगदान को हमेशा याद किया जाएगा और संजोया जाएगा।

खान-पान समीक्षक वीर सांघवी ने लिखा, दम पुख्त बिरयानी का आविष्कार करने और उत्तर भारतीय रेस्तरां के भोजन को बदलने वाले इम्तियाजकुरेशी नहीं रहे। ईश्वर उन्हें शांति प्रदान करें। उन्होंने दम पुख बिरयानी का आविष्कार किया, जो आज भी दुनिया में हर जगह परोसी जाने वाली सभी उत्तर भारतीय बिरयानी के लिए आदर्श है।

गायक अदनान सामी ने कुरेशी के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए लिखा, अवधी व्यंजनों का आधुनिक जनक चला गया। दुख हुआ कि पद्मश्री मास्टर शेफ इम्तियाज कुरेशी का निधन हो गया है। वह एक पाक प्रतिभा के धनी थे और जीवन के प्रति उत्साह से भरे हुए थे।

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