फिर हुई हिंसा, मैतेई-कुकी गुटों के बीच गोलीबारी, पांच की मौत

राष्ट्रीय जजमेंट

मणिपुर में एक बार हिंसा की आग फिर से भड़क उठी है। हिंसा की आग महीनों के बाद भी लगातार सुलगती जा रही है। 17 जनवरी की रात और 18 जनवरी की सुबह मणिपुर के कई जिलों में हिंसा की घटना देखने को मिली है। इस दौरान पांच लोगों की मौत हो गई है। इस हिंसा में सीमा सुरक्षा बल के तीन जवान घायल हुए हैं।

 

जानकारी के मुताबिक मणिपुर में जारी जातीय हिंसा के बीच प्रदेश के बिष्णुपुर जिले में बृहस्पतिवार शाम चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि यह घटना निंगथौखोंग खा खुनौ में हुई। उसने बताया कि मरने वालों में एक व्यक्ति और उसके 60 वर्षीय पिता शामिल हैं। पुलिस ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। पुलिस ने मारे गए लोगों के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। गोलीबारी में बचे एक व्यक्ति के हवाले से एक अधिकारी ने बताया, ‘‘जब मजदूर खेत में सिंचाई कर रहे थे तभी पांच से छह हथियारबंद बदमाश आए और उन्हें नजदीक से गोली मार दी।’’

 

अधिकारी ने बताया कि उन्हें गोली मारने के बाद बदमाश उन पहाड़ी इलाकों की ओर भाग गए, जहां से वे आए थे। इसी के साथ राज्य में बुधवार से अब तक करीब सात लोगों की हत्या की जा चुकी है जिनमें पुलिस के दो कमांडो भी शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक 18 जनवरी को सुबह के कई हिस्सों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए हैं।

 

मणिपुर में हुई घटना को लेकर राज्य सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह का कहना है कि म्यांमार की सीमा पर स्थित मोरे शहर में पुलिसकर्मियों पर बुधवार को हमले हुए थे। उससे पहले जानकारी आई थी कि विद्रोही पुलिस पर हमला कर सकते है। घटना में विदेशी ताकतों के शामिल होने की जानकारी सामने नहीं आई है।

 

खेत में काम कर रहे थे मृतक
मृतक पिता-पुत्र के परिवार के सदस्यों का कहना है कि वो दोनों निंगथौखोंग खा खुनौ मनिंग में एक जल आपूर्ति योजना के माध्यम से पानी उपलब्ध करा रहे थे, जबकि थ सोमेंद्रो जल आपूर्ति के पास अपने केले के खेत में काम कर रहे थे। सूत्रों के अनुसार, गोलियों की आवाज सुनने के बाद जब आसपास के ग्रामीण इलाके की जांच करने गए तो उन्हें उनके शव एक-दूसरे के बगल में पड़े हुए मिले। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस क्षेत्र में उनका खेत स्थित है, उसके आसपास कोई कुकी गांव नहीं है।

 

ग्रामीणों ने कहा कि उनके पास के गांव सादु और लम्नाई गांव हैं, जिनमें ज्यादातर नागा लोग रहते हैं। चिंगफेई कुकी गांव नामक एक कुकी गांव है, जो खेत से बहुत दूर स्थित है। पुलिस रिपोर्टों के अनुसार अन्य मृतक निंगथौजम नबादीप का शव बाद में पाया गया जब तीनों शवों को रिम्स शवगृह में ले जाया गया। चारों शवों पर कई गोलियां लगी थीं। कुकी उग्रवादियों ने गुरुवार शाम करीब 5.50 बजे सेकमाई पुलिस स्टेशन के अंतर्गत लीमाखोंग चिंगमांग के खुरखुल ग्राम पंचायत वार्ड सदस्य फुरित्सबाम जिबान (50) पुत्र (एल) शामजई के घर में भी आग लगा दी।

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