अदालत का रुख करने के बाद काग्रेस नेता पार्षद बंटी से मिले

राष्ट्रीय जजमेंट

कांग्रेस की चंडीगढ़ इकाई के नेताओं ने बुधवार को पार्टी पार्षद जसबीर सिंह बंटी से उनके घर पर मुलाकात की। इससे पहले, कांग्रेस ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी, जिसमें पुलिस पर बंटी से मिलने की अनुमति नहीं देने का आरोप लगाया गया।

यह घटनाक्रम उस समय हुआ जब बंटी चंडीगढ़ नगर निगम कार्यालय में महापौर पद से अपना नामांकन पत्र वापस लेने आए तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस- आम आदमी पार्टी (आप) कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई। नगर निगम के महापौर पद के चुनाव बृहस्पतिवार को होंगे। कांग्रेस की चंडीगढ़ इकाई के अध्यक्ष एच. एस. लकी ने आरोप लगाया था कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने बंटी को निगम कार्यालय से जबरन ले जाने की कोशिश की थी।

 

कांग्रेस ने भाजपा पर उन्हें अपने पाले में करने के लिए पुलिस का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया था। लकी ने कहा कि पुलिस ने उन्हें बंटी से उनके आवास पर मिलने की इजाजत दी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन कुमार बंसल ने भी पार्षद से मुलाकात की। लकी ने कहा कि बैठक के दौरान बंटी ने दोहराया कि वह कांग्रेस के साथ हैं। बंटी और उनके पिता ने बंसल और लकी के साथ फोटो भी खिंचवाई। लकी ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस नेताओं को बंटी से मिलने की अनुमति नहीं देने के लिए चंडीगढ़ पुलिस के खिलाफ मंगलवार रात उच्च न्यायालय का रुख किया था और आरोप लगाया था कि उन्हें उनके आवास पर ‘‘हिरासत में’’ रखा गया है। भाजपा ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि बंटी के पिता ने ही आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने उन्हें अपने बेटे से मिलने नहीं दिया। बंदी प्रत्यक्षीकरण में याचिकाकर्ता के वकील ने न्यायमूर्ति आलोक जैन के समक्ष कहा कि पुलिस अधिकारी बंटी को स्वतंत्र रूप से आवाजाही नहीं करने दे रहे हैं जो उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।

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