राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि ‘डीपफेक’ को लेकर चिंता जताने से संबंधित मामले का एक बड़ा आयाम है और केंद्र को इस मुद्दे पर एक जनहित याचिका पर जवाब देने के लिए समय दिया गया है।
तस्वीर या वीडियो में किसी व्यक्ति के चेहरे या शरीर को डिजिटल रूप से बदलने की डीपफेक कहते हैं। मशीन लर्निंग और कृत्रिम बुद्धिमत्ता से बने ये वीडियो किसी को भी आसानी से धोखा दे सकते हैं।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा कीपीठ ने कहा कि केंद्र को पहले इस मुद्दे पर विचार करने दें, क्योंकि इसका एक बड़ा आयाम है।
पीठ ने कहा, इस मामले का आयाम बड़ा है, इसलिये हमने सोचा कि नियम तैयार करने के लिये भारत सरकार सबसे बेहतर होगी। केंद्र सरकार को पहले अपने विवेक का इस्तेमाल करने दें।’’
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