डॉ भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय का 88वां दीक्षांत समारोह संपन्न

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज
रिपोर्ट – विष्णु कान्त शर्मा
विश्वविद्यालय के खंदारी कैंपस स्थित शिवाजी मंडपम में हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की। मुख्य अतिथि आल इंडिया विश्वविद्यालय संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रो मानिकराव माधवराव सालुखें और विशिष्ट अतिथि यूपी सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रजनी तिवारी रही।
कुलाधिपति सबसे पहले विश्वविद्यालय के खंदारी कैंपस स्थित कुलपति आवास पर पहुंचीं। वहां उनका स्वागत कुलपति प्रो आशुरानी ने किया। वहां से शिवाजी मंडपम पहुंचने पर 70 एनसीसी कैडेट्स ने कुलाधिपति को सैल्यूट दिया। इसके बाद यूनिवर्सिटी मॉडल स्कूल के विद्यार्थियों के जयघोष के साथ माननीय कुलाधिपति आईईटी खंदारी पहुंचीं, वहां उनका विश्वविद्यालय के कार्य परिषद व विश्वविद्यालय शिक्षकों व पदाधिकारियों के साथ फोटो सेशन हुआ।

मंच पर पहुंचने के बाद कार्यक्रम की शुरूआत राष्ट्रगीत वंदे मातरम से हुई। विश्वविद्यालय के कुलगीत की प्रस्तुति ललितकला संस्थान के विद्यार्थियों ने दी। कुलाधिपति ने जल भरो कार्यक्रम के माध्यम से जल संरक्षण का संदेश दिया। इसमें जल संरक्षण से जुड़ा गीत भी प्रस्तुत किया गया।
कुलपति प्रो आशुरानी ने अपने उद्बोधन में बताया कि विश्वविद्यालय का यह दीक्षांत समारोह कई मायनों में विशेष है। इसमें विश्वविद्यालय के रिसर्च पोर्टल के साथ गणित विभाग में आर्यभट्ट सभागार का विमोचन किया गया। रिसर्च पोर्टल में विश्वविद्यालय के शोधार्थियों से जुड़ी सारी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी, साथ ही उन्हें शोध से जुड़ी जानकारी होगी। विश्वविद्यालय में नवाचारी शिक्षण को बढ़ावा देने के लिए चार सेंटर फॉर एक्सीलेंस व विवेकानंद इन्क्यूवेशन सेंटर प्रारंभ किया गया है। महिला सुरक्षा को लेकर महिला प्रकोष्ठ स्थापित किया गया है। इंटलेक्यूअचल प्रोपर्टी राइट्स को भी स्थापित किया है। टीबी मुक्त भारत के साथ क्षय रोगियों को विश्विद्यालय के सामुदायिक रेडियो द्वारा सहयोग किया जा रहा है। विश्वविद्यालय ने जी-20 में अपना सहयोग दिया और ललित कला संस्थान के विद्यार्थियों ने इसके लिए शहर भर में सक्रिय भूमिका निभाई। युवोत्सव के माध्यम से विद्यार्थियों ने कला क्षेत्र में अपनी प्रतिभा दिखाई और विश्वविद्यालय के खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपना दमखम दिखाया है।

इसके बाद कुलसचिव डॉ विनोद कुमार सिंह ने 6 डीलिट, 67 पीएचडी, 123 पदक व स्नातक के 107222 व स्नातकोत्तर के 12243 और प्रोफेशनल कोर्स की 19284, आवासीय संस्थानों के 1040 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान करने के लिए आमंत्रित किया। सभी संकाय के डीन ने अपनी विद्यार्थियों को उपाधि के लिए संकल्प दिलाया, जिन्हें कुलपति महोदया ने उपाधि प्रदान की।
विशिष्ट अतिथि रजनी तिवारी ने कहा कि एक सशक्त राष्ट्र के लिए जरूरी है कि सभी अपने लक्ष्य प्राप्त के लिए लगातार प्रयास करते रहें। उन्हें छात्रों को पदक विजेता के रूप में देखकर अच्छा लगा। उम्मीद है जब तक आपको लक्ष्य प्राप्त नहीं हो जाता, आप शांत नहीं बैठेंगे और लगन से मेहनत करेंगे।
मुख्य अतिथि प्रो मानिकराव माधवराव सालुखें ने अपने उद्बोधन में कहा कि विश्व बदल रहा है, जिसमें शिक्षा का बड़ा योगदान है। शिक्षा में सकात्मकता परीलक्षित होनी चाहिए। आज न्यू इंडिया का दौर है। उद्यमिता व डिजिटल होकर ही हम सफल हो पाएंगे। हमारे पास विश्व के दूसरे सबसे अधिक स्मार्ट फोन यूजर और इंटरनेट यूजर हैं, इसे ही शक्ति बनाना होगा। शोध के प्रति अपने लगाव को बढ़ाकर ही देश को उन्नति के शिखर पर पहुंचाया जा सकता है।

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