चोरी छुपे प्रतिबंधित पेड़ों का कटान जारी पुलिस पर लग रहे हैं मिलीभगत के आरोप

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सुल्तानपुर एक तरफ जहां सुल्तानपुर सांसद पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका संजय गांधी जंगलों के अवैध कटान पर अपना सख्त रुख अपनाए हुए हैं उसके बावजूद ना केवल अवैध रूप से जंगल काटे जा रहे हैं बल्कि चोरी छुपे प्रतिबंधित पेड़ों को भी धड़ल्ले से काटा जा रहा है यह सब खुलेआम पुलिस पर वन विभाग के संरक्षण में हो रहा है रात के अंधेरे में आम महुआ पीपल बरगद के साथ-साथ वन माफिया अन्य प्रतिबंधित पेड़ों को अपना निशाना बना रहे हैं पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है ताज़ा मामला सुल्तानपुर थाना बल्दीराय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ग्राम सभा पूरे तुलसी तिवारी पुरवा छतौना मजारे चौकी बल्लीपुर का है जहां 15 फरवरी क़ो लकड़ी चोरों ने देवी प्रसाद तिवारी के खेत में लगे 40 पेड़ सफेदा और 8 पेड़ सागौन को चोरी छुपे काट लिया गया जिसकी लिखित शिकायत क्षेत्रीय वन विभाग के अधिकारियों और चौकी वल्लीपुर क़ो दी गई यहीं से शुरू होता है पुलिस की मिलीभगत का खेल देवी प्रसाद तिवारी ने अपने खेत से चोरी छुपे काटे गए पेड़ों की नामजद तहरीर पुलिस चौकी बलीपुर चौकी इंचार्ज राकेश ओझा दी लेकिन लगभग 20 दिन बीत जाने के बाद भी चौकी इंचार्ज राकेश ओझा ने पीड़ित द्वारा दी गई तहरीर पर चोरी मुकदमा तक दर्ज नहीं किया जबकि खेत से काटी गई अवैध लकड़ी आरा मशीन से वन विभाग ने बरामद कर लिया पीड़ित का आरोप है कि चौकी इंचार्ज राकेश ओझा के वन माफियों से मिलीभगत के कारण लकड़ी चोरों पर कोई कार्यवाही नहीं की है वहीं दूसरी तरफ वन विभाग ने अवैध कटान का मुकदमा दर्ज करके अपना पल्ला झाड़ लिया है जबकि पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों को यह मालूम है कि लकड़ी किसने काटी और कैसे आरा मशीन तक पहुंचाई गई पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों मिलीभगत के कारण धड़ल्ले से अवैध जंगल काटे जा रहे हैं तथा वन माफिया को क्षेत्रीय पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों का संरक्षण जबकि सुल्तानपुर जिले की वर्तमान सांसद पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका संजय गांधी के आदेश का क्षेत्रीय पुलिस और वन विभाग पालन नहीं कर रहा है बल्कि खुलेआम पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों के संरक्षण में हरे एवं प्रतिबंधित आम महुआ बरगद और पीपल के पेड़ तक काटे जा रहे हैं तथा पुलिस जानबूझकर इन वन माफिया खिलाफ ना तो मुकदमा दर्ज कर रही है और ना ही कोई कार्यवाही की जा रही है सूत्र बताते हैं कि वन माफिया द्वारा काटे जा रहे अवैध जंगल का एक मोटा कमीशन पुलिस और वन विभाग के अधिकारी को पहुंचा दिया जाता है वहीं दूसरी तरफ शिकायत करने वाले को पुलिस ना केवल वर्दी का रौब दिखाती है बल्कि पीड़ित को प्रताड़ित करने में लग जाती है ऐसे पुलिस अधिकारी और वन अधिकारियों के होते हुए वन संरक्षण कानून को लागू करा पाना संभव नहीं है
सुल्तानपुर से रिपोर्ट

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