बिहार की बबीता को मिलेगा राष्ट्रपति पुरस्कार

प्लास्टिक के कचरे से उपयोगी एवं सजावट के सामान बनाने का हुनर

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़

report सुमित सिंह

इस जानकारी से अवगत करा दिया जाए कि बिहार के बबीता गुप्ता का नाम इस समय खबरों की गलियारों में हर जगह छाया हुआ है। बबीता गुप्ता आज उन लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणा है, जो अपनी जिंदगी में कुछ करने की चाह रखती है। बबीता मुजफ्फरपुर के सीहोर गांव की रहने वाली है। बबीता गुप्ता को इस साल होने वाले अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की ओर से राष्ट्रपति पुरस्कार दिया जाएगा।

आर्थिक मजबूरी बनी सफर की मजबूती

बबीता गुप्ता का पूरा परिवार बेहद खुशहाल था, लेकिन अचानक उनके पति की आंखों की रोशनी चली गई। इस घटना के बाद उनके पूरे परिवार पर संकट के बादल छा गए। इन हालातों में परिवार की जीविका सबसे जरूरी वजह बनी। इस कारण वह सबसे पहले जीविका की सदस्य बनी और इसके बाद उन्होंने प्लास्टिक के कचरे से उपयोगी एवं सजावट के सामान बनाने का हुनर दिखाना शुरू किया। आज वह अपने इसी काम का हुनर दूसरी महिलाओं को भी सिखाती हैं। आज वह अपने इस हुनर से 24 महिलाओं को आत्मनिर्भर बना चुकी है।

आप सभी क़ो इस जानकारी से अवगत करा दिया जाए कि बिहार के मुजफ्फरपुर की बबीता गुप्ता प्लास्टिक कचरे से सूती एवं उनके धागे व रंगों का इस्तेमाल कर सजावटी सामग्रियों को बनाती है। प्लास्टिक की बोतलों से वह कृतिम फूल के बुके, एक्स-रे फिल्म, रनों से फूलदानी, लटकन, बैग, पर्स, पाउच, झूले, रंग-बिरंगे गुलदस्ते आदि बनाती है। उनके द्वारा बनाए गए यह घर की सजावट के सामान इतने खूबसूरत होते हैं कि लोग उन्हें इसके लिए मनचाही कीमत तक देने को तैयार हो जाते हैं।

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