बिहार में ज़हरीली शराब से 4की मौत ,अधिक की आशंका

RJ news

बिहार में छपरा के पास बहरौली गांव के चेंद्रेश्वर साह (45) की जहरीली शराब से बुधवार को मौत हो गई। पत्नी मुरावती कहती हैं- रात करीब 11 बजे वे सुन्न पड़ गए। सरकारी अस्पताल ले जाने लगे तो अफसरों ने रोक दिया। समझाया- पोस्टमॉर्टम की कोई जरूरत नहीं है। कोई पैसा-कौड़ी नहीं मिलेगा, जो भी क्रिया-कर्म करना है, कर दो। फिर हम क्या करते। गांव के पास रात में ही अंतिम संस्कार करा दिए।’

कुछ ऐसा ही अमनौर के हुस्सेपुर गांव के नरेंद्र सिंह के साथ हुआ। जहरीली शराब के कारण उन्होंने अपने भाई को खो दिया। भाई सुरेंद्र की बुधवार रात को मौत हो गई। नरेंद्र कहते हैं, ‘थाना के लोग आकर डराते हैं। एक आदमी से एक हजार रुपए भी ले लिए। कहते हैं ठंड से मौत बताकर मामला दबा दो, नहीं तो फंस जाओगे।’

यह बानगी है… बिहार की। जहरीली शराब बनाने और बेचने से रोकने में असफल सरकार बदनामी से बचने के लिए अब आंकड़े छुपाने में लगी है। पुलिस का मैदानी अमला शराब तस्करों को पकड़ने की बजाय जान गंवाने वालों के परिजनों को धमकाने में लगा है।

सरकारी आंकड़ों में अब तक जहरीली शराब से 30 मौतें हुई हैं। जिनका पोस्टमॉर्टम नहीं हुआ, उन्हें इसमें शामिल नहीं किया जाता। ज्यादातर मौतें लोगों के घरों में और छपरा रेफर करने के दौरान हुईं। दर्जनों परिवार वालों ने डर कर अंतिम संस्कार कर दिया है।

शवों का अंतिम संस्कार पुलिस के दबाव में रातोंरात कर दिया गया। चेंद्रेश्वर साह के पड़ोस के तीन और लोग अनिल ठाकुर, दूधनाथ साह और चांद साह की भी मौत जहरीली शराब से हुई। अमनौर प्रखंड के हुसेपुर में बुधवार की सुबह तक 3 लोगों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान उपेंद्र राम (40), उमेश राय (35) और वकील मियां (45) के रूप में हुई। इनके परिजन फिलहाल कुछ भी बताने से बच रहे हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार तीनों की मौत जहरीली शराब पीने से हुई।

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