शिवराज के भांजे को कलेक्टर ने कहा………गेट आउट

RJ news

 

  • बदहाल शिक्षण व्यवस्था को दुरूस्त करने की मांग लेकर जनसुनवाई में पहुंचे थे छात्र

  • मामला शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय धनगवां (पूर्वी) का

प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भले ही छात्र-छात्राओं को अपने भांजे व भांजिया मानकर उच्च शिक्षा व्यवस्था दिलाने में दिन-रात एक कर रहे हो, लेकिन जिले का प्रशासन वह भी कलेक्टर के द्वारा जब बदहाल शिक्षण व्यवस्था को दुरूस्थ करने की मांग को लेकर जनसुनवाई में छात्र पहुंचे, उनकी बात न सुनते हुए दो-टूक शब्दो में कहा दिया…गेट आउट। कलेक्टर के इस शब्द ने उन्हे आत्मीय आघात पहुंचाया और वह सीधे सभागार से बाहर आ गये।

छात्रों की यह थी मांग

विकासखंड जैतहरी के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय धनगवां (पूर्वी) के छात्र मंगलवार जनसुनवाई में विद्यालय की शिक्षण व्यवस्था दुरूस्थ कराने की मांग के साथ विद्यालय में भृत्य की पदस्थापना का विषय लेकर पहुंचे थे, क्योकि विद्यालय का ताला खोलने से लेकर साफ-सफाई की व्यवस्था स्वयं उन्हे संभालनी पडती है,  विद्यालय में पदस्थ रहे भृत्य को जिला पंचायत में बतौर चालक रख लिये जाने से समस्या खडी हो गई है।

पहले भी छात्रों कर चुके है शिकायत

विद्यालय की बदहाल शिक्षण व्यवस्था से लगातार परेशान छात्र इसके पहले जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त के अलावा मध्यप्रदेश शासन के कैबिनेट मंत्री बिसाहूलाल ङ्क्षसह सहित जिला पंचायत की उपाध्यक्ष पार्वती राठौर को लिखित में पत्र दे चुके है, लेकिन किसी प्रकार से उनके पत्र की सुनवाई न होने पर 29 नवंबर मंगलवार को कलेक्ट्रेट में आयोजित जनसुनवाई में कलेक्टर के समक्ष वह अपनी बात रखने गये थे, लेकिन कलेक्टर ने बात सुनना तो दूर छात्रों को समूह में देखते ही गेट आउट कर दिया।

फिर मांगी कलेक्टर ने माफी

जनसुनवाई में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय धनगवां (पूर्वी) के छात्र शिक्षण व्यवस्था दुरूस्थ करने व विद्यालय की बदहाल स्थिति में सुधार की मांग कलेक्टर के समक्ष पहुंचे थे, छात्रों ने मांग पूरी न होने पर आंदोलन करने का शब्द कहा तो कलेक्टर ने अपना आपा खो बैठी और छात्रों को गेट आउट कर दिया, हालांकि कुछ देर बाद कलेक्टर ने जो भी सोचा हो, छात्रों के प्रतिनिधि मंडल को सभागार में बुलाकर उनसे सॉरी बालते हुए उनकी मांग को जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया, जिसके बाद छात्रों ने राहत महशूस की।

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