उत्तर प्रदेश:लोक सेवा आयोग क्वालीफाई कर झांसी का सिपाही अनिल चौधरी अब तहसीलदार बन चुके हैं. अनिल जब इंटरव्यू देने गए तो उनसे सबसे पहला सवाल पूछा गया कि सिपाही जैसे पद पर 24 घंटे एक्टिव रहना पड़ता है. कभी भी बुलावा आ जाता है और पुलिसकर्मी को उतनी छुट्टी भी नहीं मिलती तो तुमने कैसे तैयारी की?अनिल ने जबाव दिया, ”एक साल की विदआउट-पे लीव लेकर दिल्ली में कोचिंग की. कोचिंग में यह पता चल गया कि क्या पढ़ना है. मैंने नोट्स बना लिए थे और अब सिर्फ उनका रिवीजन करना था. वापस ज्वाइनिंग कर अफसरों से आग्रह कर पुलिस लाइन में ट्रांसफर कराया. वहां टेलीफोन एक्सचेंज में नाइट ड्यूटी लगवाई. रात में ड्यूटी के साथ पढ़ने को मिल जाता था.
दिन में 3-4 घंटे सोने के बाद लाइब्रेरी पढ़ने जाता था. सिर्फ 4-5 घंटे सोता था, इसलिए आज इस मुकाम पर पहुंच पाया हूं.”यूपी पीसीएस में 21वी रैंक प्राप्त करने वाले अनिल चौधरी ने आगे बताया, मेरा परिवार आर्थिक रूप से इतना मजबूत नहीं था. इसलिए जॉब करके पहले कोचिंग के लिए रुपए जुटाए. रुपए एकत्र होने पर मैं कोचिंग करने गया. मेरे बड़े भाई नारायण ने मेरी बहुत हेल्प की. मेरा संघर्ष इसी से समझें कि मुझे अफसर बनने का ख्याल आया, तब मेरी पढ़ाई पूरी तरह से छूट चुकी थी. मुझे जीरो से स्टार्ट करना था. लेकिन मैंने मन में ठान लिया था, इसलिए मैं मुकाम हासिल कर पाया
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